अंबानी ने संवाददाताओं से कहा कि टाटा जैसे बड़े औद्योगिक घराने को अपने दूरसंचार कारोबार को (एयरटेल को) 'उपहार स्वरूप' देना पड़ा है.
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मुंबई : प्रमुख उद्योगपति और रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के प्रमुख अनिल अंबानी ने कहा कि 'दूरसंचार क्षेत्र पैसा पीने वाला कारोबार बन चुका है जहां केवल वहीं बने रह सकते हैं जिनकी जेबें भरी हों.' अंबानी ने संवाददाताओं से कहा कि टाटा जैसे बड़े औद्योगिक घराने को अपने दूरसंचार कारोबार को (एयरटेल को) 'उपहार स्वरूप' देना पड़ा है. नियामकीय ढांचे को लेकर एक तरह से नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि आरकॉम के सिस्तेमा श्याम टेलीकॉम के साथ विलय को मंजूरी देने में लगा लंबा समय 'कारोबारी असुगमता' का प्रतीक है.
उन्होंने कहा, 'यह वायरलेस दूरसंचार क्षेत्र का संकट है और इसने अनेक लोगों व अनेक, अनेक कंपनियों को निगला है. अगर टाटा जैसे दिग्गज औद्योगिक घराने को अपना कारोबार उपहार में देना पड़ता है तो बाकी छोटी मोटी कंपनियों की क्या मिसाल है. सब कुछ आपके सामने है.' अंबानी ने अपनी दूरसंचार कंपनी का कर्ज चुकाने के लिए एक नई योजना की भी घोषणा की.
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दूरसंचार क्षेत्र के हालिया विलय-अधिग्रहण सौदों की ओर संकेत करते हुए, किसी कंपनी का नाम लिए बिना अंबानी ने कहा, 'यह स्पष्ट संकेत है कि इस क्षेत्र में 10 कंपनियां नहीं फल फूल सकतीं. यहां तो 2-3-4 कंपनियों के फलने फूलने के लिए है और उनके लिए है जिनके पास या तो अनाप शनाप पैसा है या जिनमें अनाप शनाप धन जुटाने की क्षमता है.'
इससे पहले रिलायंय कम्युनिकेशंस आरकॉम (RCom) ने मंगलवार को एक और ऋण पुनरोद्धार योजना की घोषणा की. कंपनी की ओर से अनिल अंबानी ने दावा किया कि मार्च महीने तक वह अपने कर्ज की समस्या को पूरी तरह निपटा लेंगे. कंपनी का कहना है कि इस नये समाधान के तहत न तो कर्ज के एवज में कोई इक्विटी जारी करनी पड़ेगी और न ही कर्जदाताओं को कोई ऋण बट्टे खाते में डालना होगा.
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कंपनी ने इस समाधान में एक रणनीतिक निवेशक को जोड़ा है. हालांकि उसने इस निवेश का नाम नहीं बताया है. कंपनी के चेयरमैन अनिल अंबानी ने यहां इस निपटान योजना की घोषणा की. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि नई योजना को चीन के एक बैंक का समर्थन हासिल है जिसने 1.8 अरब डॉलर के बकाया के लिए एनसीएलटी में घसीटा था. इससे आरकॉम के कर्ज में 25,000 करोड़ रुपये की कमी आएगी. इस घोषणा के बाद बीएसई में आरकॉम का शेयर 35 प्रतिशत चढ़कर 22.01 रुपये हो गया. कंपनी पर 44,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.