अनिल अंबानी ने कहा ICCU में पहुंच गया है टेलीकॉम सेक्टर, उभरते एकाधिकार को लेकर चेताया
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अनिल अंबानी ने कहा ICCU में पहुंच गया है टेलीकॉम सेक्टर, उभरते एकाधिकार को लेकर चेताया

एडीएजी समूह के मुखिया अनिल अंबानी ने मंगलवार को कहा कि दूरसंचार क्षेत्र “आईसीसीयू” में है और इससे सरकार तथा बैंकों को जोखिम उठाना पड़ सकता है. साथ ही उन्होंने क्षेत्र में उभरते “एकाधिकार वाली बाजार” परिस्थिति को लेकर भी चेताया है. 

अनिल अंबानी ने कहा, 'हमें डर है किसी एक का क्षेत्र में “एकाधिकार”न हो जाए. (FILE)

मुंबई: एडीएजी समूह के मुखिया अनिल अंबानी ने मंगलवार को कहा कि दूरसंचार क्षेत्र “आईसीसीयू” में है और इससे सरकार तथा बैंकों को जोखिम उठाना पड़ सकता है. साथ ही उन्होंने क्षेत्र में उभरते “एकाधिकार वाली बाजार” परिस्थिति को लेकर भी चेताया है. उन्होंने वादा किया कि मार्च 2018 तक रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) अपनी सभी कठिनाइयों से बाहर आ जाएगा. उन्होंने कहा कि उसके सभी कर्जदाता कंपनी के कदमों में उसके साथ हैं.

  1. अनिल अंबानी ने वादा किया कि मार्च 2018 तक आरकॉम अपनी सभी कठिनाइयों से बाहर आ जाएगा.
  2. अनिल अंबानी ने कहा कि उसके सभी कर्जदाता कंपनी के कदमों में उसके साथ हैं.
  3. अनिल अंबानी ने कहा, 'हमें डर है किसी एक का क्षेत्र में “एकाधिकार”न हो जाए.

अनिल के बड़े भाई मुकेश अंबानी द्वारा प्रवर्तित रिलायंस जियो के दूरसंचार क्षेत्र में आने से पहले से ही प्रतिस्पर्धी बाजार में परिस्थितियां और कठिन हुई हैं. अनिल अंबानी ने कहा कि हम “संभावित” रूप से सीमित प्रतिस्पर्धा वाले बाजार में आगे बढ़ रहे हैं और हमें डर है किसी एक का क्षेत्र में “एकाधिकार”न हो जाए.

आरकॉम की वार्षिक आम बैठक में अनिल अंबानी ने कहा, “वायरलेस और मोबिलिटी क्षेत्र को आप किसी भी आयाम से देखें, वो जनरल वॉर्ड में नहीं है और न ही आईसीयू में है बल्कि वह आईसीसीयू में है.” यह राजस्व के लिहाज से सरकार के लिए खतरा है. यह बैंकिंग क्षेत्र के लिए भी खतरा है और इसमें एक क्षेत्र के विनाश की परिस्थितियां बनी हैं.’’ 

वहीं, दूसरी ओर आरइंफ्रा की एजीएम बैठक में अनिल अंबानी ने कहा कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर एक खरब की रक्षा परियोजनाओं में हिस्सा लेने के लिए जापानी कंपनियों के साथ बातचीत कर रहा है और रिलायंस नेवल और इंजीनियरिंग के लिए राइट्स इश्यू जारी करने की भी योजना बना रहा है. अनिल अंबानी नेकहा कि पिछले कुछ सालों में दूरसंचार क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा थी घटकर छह रह गई हैं. इसमें प्रतिस्पर्धा में भारी कमी आई है. इसमें जो भी वैश्विक कंपनियां थी वह करीब करीब देश से निकल चुकीं हैं.

उन्होंने कहा कि अप्रैल में रिवर्ज बैंक के सतर्क करने के बाद दूरसंचार क्षेत्र को नया कर्ज देना पूरी तरह से बंद है. अनिल ने सवाल किया कि एक समय पूरी चमक के साथ काम करने वाला यह क्षेत्र अपने सेवाओं में गुणवत्ता को बरकरार रख सकता है. क्षेत्र को इसके लिये 1,000 अरब रुपये के निवेश की आवश्यकता है.

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