2015 में सार्वजनिक और निजी निवेश को प्रोत्साहन देंगे जेटली
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2015 में सार्वजनिक और निजी निवेश को प्रोत्साहन देंगे जेटली

नये वर्ष के लिए अपना संकल्प जाहिर करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियों से पार पाने के लिये बुनियादी ढांचा तथा विनिर्माण क्षेत्र में सार्वजनिक एवं निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।

2015 में सार्वजनिक और निजी निवेश को प्रोत्साहन देंगे जेटली

नई दिल्ली : नये वर्ष के लिए अपना संकल्प जाहिर करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियों से पार पाने के लिये बुनियादी ढांचा तथा विनिर्माण क्षेत्र में सार्वजनिक एवं निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।

नए साल की पूर्व संध्या पर ‘वर्ष 2014- चुनौतियों एवं सुधारों का वर्ष’ शीर्षक से फेसबुक पर उन्होंने लिखा है, ‘बुनियादी ढांचा क्षेत्र में खर्च बढ़ाना होगा। विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना होगा। यह काम सार्वजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्रों के निवेश को प्रोत्साहित करके किया जाएगा। आने वाले वर्ष के लिये यह हमारा संकल्प है।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि जहां तक याद आता है हाल की सरकारों की तुलना में राजग सरकार ने सात महीनों में अपेक्षाकृत ज्यादा सुधारों को आगे बढ़ाया है।

उन्होंने कहा, ‘बड़े सुधारों के लिये कदम उठाये जाने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष अभी भी चुनौतियां हैं। 2014 आम चुनाव के नतीजे ताजी हवा लेकर आये। 30 साल के बाद भारतीय मतदाताओं ने लोकसभा में किसी एक पार्टी को बहुमत दिया है।’ सरकार के सत्ता में आने के बाद उठाये गये कदमों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने निर्णायक और मजबूती का वादा किया है। लोगों को यह आम उम्मीद है कि सरकार सुधारों और वृद्धि के एक नये युग में ले जाएगी।’

वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 भारत के लिए सर्वाधिक चुनौती वाले वर्षों में से एक रहा। जेटली ने कहा कि लगातार दो वर्ष जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 5 प्रतिशत से कम रही, रोजगार सृजन भी घटा, राजस्व में वृद्धि धीमी रही और भारत निवेश की कमी वाला देश बन गया था।

जेटली ने उनकी सरकार द्वारा किये गये सुधार उपायों को गिनाते हुये कहा राष्ट्रीय सहमति के बाद जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया, एफडीआई नियमों को उदार बनाया, भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के लिये अध्यादेश, कोयला तथा बिजली क्षेत्र की समस्या को दूर करना तथा डीजल के दाम नियंत्रण मुक्त किया गया।

इसके अलावा जेटली ने नये सरकार के कामकाज में देश में कारोबार करने को आसान बनाने के लिये कंपनी कानून के प्रावधानों में संशोधन, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार, कर छूट, स्वच्छ भारत अभियान तथा डिजिटल इंडिया जैसे प्रमुख कार्यक्रम शूरू किये जाने को भी गिनाया।

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