IRCTC: अंग्रेजों के जमाने से इस परंपरा के तहत देशभर में रेलवे के GM के ऑफिस में एक आरपीएफ जवान की तैनाती की जाती थी. इस जवान का काम सिर्फ सैल्यूट देने का होता था. अंग्रेजों के जमाने से यह परंपरा रेलवे में चल रही थी.
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Indian Railways Latest Update: यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे मिनिस्ट्री की तरफ से समय-समय पर कई तरह के बदलाव किए गए हैं. पिछले दिनों रात्रि सफर में नियमों को सख्त करने के साथ ही रेलवे ने 'डेस्टिनेशन अलार्ट सिस्टम' को भी शुरू किया है. इसके अलावा रेलवे कर्मचारियों की मांग पर भी कुछ फैसले किए गए. अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे में सालों से चली आ रही सामंती प्रथा को खत्म कर दिया है. यह प्रथा अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी. इसके तहत आरपीएफ जवान को सैल्यूट देना होता था.
अंग्रेजों के जमाने से चल रही थी परंपरा
दरअसल, इसके तहत देशभर में रेलवे के GM के ऑफिस में एक आरपीएफ जवान की तैनाती की जाती थी. इस जवान का काम सिर्फ सैल्यूट देने का होता था. अंग्रेजों के जमाने से यह परंपरा रेलवे में चल रही थी. पिछले दिनों इसे सामंती परंपरा मानते हुए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बंद करने का आदेश जारी किया है. सैल्यूट प्रथा को बंद करने के पीछे रेल मंत्री का मकसद यह है कि GM और रेलवे के अन्य अधिकारी खुद को खास न समझें.
इस बदलाव के साथ अधिकारियों को यह मैसेज भी दिया गया कि मंत्रालय या रेलवे के दफ्तरों में सभी काम करने के लिए आते है. यहां कोई खास नहीं है, यहां सब जनता की सेवा के लिए हैं और सब बराबर हैं. रेल मंत्रालय में रेल मंत्री और बोर्ड के मेंबर के लिए अलग गेट है, उसी पर सैल्यूट देने के लिए RPF का जवान विशेष वर्दी में तैनात रहता था. इस व्यवस्था को रेलवे के सभी दफ्तरों में तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया गया है.
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