बरेली में भूख से मौत का मामला, केंद्र ने कहा पीडीएस से रेगुलर राशन ले रही थी महिला
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बरेली में भूख से मौत का मामला, केंद्र ने कहा पीडीएस से रेगुलर राशन ले रही थी महिला

बयान में कहा गया है, सरकार पीडीएस में आधार प्रमाणन तंत्र की चुनौतियों से अवगत है और मंत्रालय ने राज्य सरकारों को कहा है कि गरीबों को राशन देने से मना नहीं किया जाए. 

चित्रा का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के बरेली में कथित तौर पर भूख से एक महिला की मौत के मामले में शनिवार (18 नवंबर) को स्पष्टीकरण दिया वह महिला अंत्योदय अन्न योजना की कार्डधारक थी. सरकार ने कहा कि महिला अक्तूबर तक नियमित तौर पर लोक वितरण प्रणाली (पीडीएस) से अनाज प्राप्त कर रही थी. अंत्योदय अन्न योजना के तहत बेहद गरीबों को कार्ड प्रदान किया जाता है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के बरेली के हालिया मामले में राज्य सरकार से मिली रिपोर्ट से पता चलता है कि मृतका अंत्योदय अन्न योजना की कार्डधारक थी और वह अक्तूबर 2017 तक नियमित तौर पर राशन प्राप्त कर रही थी.’’

सरकार ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त और सितंबर महीने में उसके पति ने आधार प्रमाणन के बिना ही राशन लिया था. अक्तूबर में उसने खुद आधार प्रमाणन के बाद राशन लिया था. बयान में कहा गया है, सरकार पीडीएस में आधार प्रमाणन तंत्र की चुनौतियों से अवगत है और मंत्रालय ने राज्य सरकारों को कहा है कि गरीबों को राशन देने से मना नहीं किया जाए.

मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘‘राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि आधार प्रमाणन को प्रोत्साहित करने की जरूरतों के बावजूद किसी भी योग्य लाभार्थी को उसका जैविक पहचान से सत्यापन नहीं हो पाने या आधार संख्या नहीं होने की स्थिति में राशन से मना नहीं किया जाए.’’

सरकार ने आगे कहा कि अक्तूबर में करीब 47 प्रतिशत राशन वितरण बिना आधार प्रमाणन के किया गया है. इसका मतलब है कि राज्य सरकारें आधार नहीं होने के बाद भी राशन देने के निर्देश का पालन कर रही है.

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