बजट 2017: देशभर में केवल 76 लाख लोग अपनी आय 5 लाख रुपये से अधिक दिखाते हैं
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बजट 2017: देशभर में केवल 76 लाख लोग अपनी आय 5 लाख रुपये से अधिक दिखाते हैं

वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने बजट भाषण में कुछ आंकड़े दिये जिससे यह संकेत मिलता है कि देश का प्रत्यक्ष कर संग्रह अर्थव्यवस्था में आय एवं खपत के प्रतिरूप के अनुरुप नहीं है।

बजट 2017: देशभर में केवल 76 लाख लोग अपनी आय 5 लाख रुपये से अधिक दिखाते हैं

नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने बजट भाषण में कुछ आंकड़े दिये जिससे यह संकेत मिलता है कि देश का प्रत्यक्ष कर संग्रह अर्थव्यवस्था में आय एवं खपत के प्रतिरूप के अनुरुप नहीं है।

वित्त वर्ष 2015-16 में 3.7 करोड़ लोगों ने टैक्स रिटर्न भरा जिसमें ने 99 लाख ने अपनी आय छूट सीमा 2.5 लाख रुपये से कम दिखाई। 1.95 करोड़ ने अपनी आय 2.5 से 5.0 लाख रुपये जबकि 52 लाख ने अपनी आय 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये दिखाई। केवल 24 लाख लोगों ने अपनी आय 10 लाख रुपये से अधिक दिखाई।

कुल 76 लाख करदातओं ने अपनी आय पांच लाख रुपये से अधिक दिखायी, उसमें से 56 लाख वेतनभोगी हैं। जेटली ने कहा कि आयकर रिटर्न में अपनी आय 50 लाख रुपये से अधिक दिखाने वाले केवल 1.72 लाख लोग हैं। उन्होंने कुछ आंकड़े रखे जिससे यह संकेत मिलता है कि प्रत्यक्ष कर संग्रह आय एवं खपत के अनुरुप नहीं है। उन्होंने कहा कि यह वास्तविकता है कि पिछले पांच साल में 1.25 करोड़ से अधिक कारें बिकी और वहीं 2015 में दो करोड़ व्यापार या पर्यटन के लिये विदेश गए।

जेटली ने कहा कि भारत का कर-जीडीपी अनुपात बहुत कम है और प्रत्यक्ष कर से अप्रत्यक्ष कर अनुपात सामाजिक न्याय लिहाज से अनुकूल नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि लगभग 4.2 करोड़ लोग संगठित क्षेत्र में कार्यरत हैं लेकिन वेतन के लिये केवल 1.74 करोड़ लोगों ने रिटर्न फाइल किये। वहीं असंगठित क्षेत्र में 5.6 करोड़ व्यक्तिगत उद्यमी और कंपनियां कार्यरत हैं लेकिन इस श्रेणी में रिटर्न केवल 1.81 करोड़ है। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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