Budget 2023: यूनियन बजट में सेक्शन 80C के तहत बचत की लिमिट डेढ़ लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये की जाने की उम्मीद की जा रही है. ICAI की तरफ से प्री-बजट मेमोरेंडरम 2023 में आम आदमी को ज्यादा सेविंग करने की बात कही गई है.
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Budget 2023 Expectation: यूनियन बजट पेश होने में करीब महीना बाकी है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट पेश किया जाएगा. लेकिन इससे पहले अलग-अलग सेक्टर की तरफ से वित्त मंत्री को अपनी मांगों से अवगत कराया जा रहा है. इसके साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री से आगामी बजट में राहत देने की मांग की जा रही है.
मोदी सरकार का आखिरी बजट
सूत्रों का यह भी दावा है कि सरकार इस बार के बजट में किसानों और नौकरीपेशा दोनों को राहत देने का विचार कर रही है. दरअसल, यह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी बजट होगा. यूनियन बजट में सेक्शन 80C के तहत बचत की लिमिट डेढ़ लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये की जाने की उम्मीद की जा रही है. ICAI की तरफ से प्री-बजट मेमोरेंडरम 2023 में आम आदमी को ज्यादा सेविंग करने की बात कही गई है.
लंबे समय से राहत देने की मांग
आम आदमी की तरफ से 80C के तहत लंबे समय से राहत देने की मांग की जा रही है. ICAI ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में भी निवेश की लिमिट बढ़ाने की मांग की है. अभी यह सीमा डेढ़ लाख है जिसे बढ़ाकर 3 लाख करने की मांग की जा रही है. पीपीएफ लिमिट बढ़ाने की मांग के पीछे ICAI का तर्क है कि कारोबारी और नौकरीपेशा के लिए यह निवेश का सुरक्षित विकल्प है.
नौकरीपेशा का पीएफ जमा होने के कारण इसके तहत निवेश की ज्यादा गुंजाइश नहीं रहती. ऐसे में उसके पास टैक्स सेविंग के सीमित विकल्प हो जाते हैं. पिछले कई सालों से 80C के तहत डेढ़ लाख रुपये की लिमिट बढ़ाने की मांग की जा रही है. इसके अलावा ICAI ने वित्त मंत्रालय से 80DDB के तहत खर्च की लिमिट बढ़ाने की भी गुजारिश की है.
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