Cafe Coffee Day Story: कर्ज में डूबी हुई कंपनी का भार और पति की आत्महत्या के बाद में इसको बचाना मालविका के लिए काफी मुश्किल था, लेकिन मालविका ने इस गिरती हुई कंपनी को बचाया है. आज हम आपको Cafe Coffee Day की कहानी के बारे में बताते हैं-
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Cafe Coffee Day Story: सीसीडी (Cafe Coffee Day) का नाम तो आप सभी ने सुना ही होगा, लेकिन आपको पता है कि आखिर कैसे इस कंपनी को बचाया गया है. कर्ज के बोझ से दबी हुई कंपनी एक बार फिर से मार्केट में अपनी जड़े मजबूत कर रही है. पहले यह कंपनी काफी सक्सेस थी, लेकिन बीच में आए संकट की वजह से कंपनी की स्थिति काफी खराब हो गई थी, लेकिन बुरे दिनों का सामना करने एक बार फिर से ये कंपनी आगे की तरफ बढ़ रही है और इसको बचाने के लिए एक महिला का बहुत बड़ा योगदान है.
क्या है कर्ज में दबी हुई CCD की कहानी
कर्ज में डूबी हुई कंपनी का भार और पति की आत्महत्या के बाद में इसको बचाना मालविका के लिए काफी मुश्किल था, लेकिन मालविका ने इस गिरती हुई कंपनी को बचाया है. आज हम आपको Cafe Coffee Day की कहानी के बारे में बताते हैं-
1996 में हुई सीसीडी की शुरुआत
CCD कंपनी की शुरुआत साल 1996 में हुई थी, जिसकी शुरुआत वीजी सिद्धार्थ ने की थी. सिद्धार्थ ने उस समय 6-7 हज़ार एकड़ में फैले कॉफ़ी के बागान को खरीद लिया था और उसके बाद में कॉफी डे ग्लोबल लिमिटेड की शुरुआत की थी. जुलाई 1996 में उन्होंने CCD का पहला आउटलेट्स शुरू किया था. CCD के आने के बाद में लोगों में कॉफी को लेकर काफी उत्साह बढ़ गया था.
2015 के बाद से शुरू हो गई मुश्किलें
आपको बता दें Cafe Coffee Day लोगों के मिलने का एक प्वाइंट बन गया जहां पर लोग बैठकर मीटिंग करते थी और इसके बाद में CCD को काफी पॉपुलैरिटी मिली. साल 2000 तक कंपनी काफी अच्छे मुनाफे में थी, लेकिन साल 2015 में सिद्धार्थ ने दूसरे कारोबार में हाथ आजमाना शुरू कर दिया तो उसके बाद से ही कंपनी कर्ज के बोझ में दबती चली गई. इन सबके बीच में इनकम टैक्स विभाग ने कंपनी पर करीब 700 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का भी आरोप लगा दिया था, जिसके बाद में कंपनी के संकट के बादल बढ़ते ही चले गए.
पति ने 2019 में की आत्महत्या
साल 2019 तक कंपनी के ऊपर करीब 6547 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया था और टैक्स चोरी की वजह से साल 2019 में सिद्धार्थ ने नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली. इन सबके बाद में पत्नी मालविका करोड़ों रुपये का कर्ज और करीब 25,000 से भी ज्यादा कर्मचारियों की जिम्मेदारी को अपने सिर पर ले लिया और उन्होंने हार हीं मानी. इन सब स्थितियों के बाद में मालविका CCD इंटरप्राइजेज लिमिटेड की सीईओ बनीं और उसके बाद में कंपनी के सभी कर्मचारियों को खत लिखकर भरोसा दिलाया कि वह सभी स्थितियों को सुधारने की कोशिश करेंगी.
95 फीसदी खत्म हो गया कर्ज
मालविका ने इस कर्ज को कम करके 1731 करोड़ पर पहुंचा दिया है. इसके साथ ही उनका फोकस कॉस्ट कटिंग करके लोन को खत्म करना और कंपनी को रेवन्यू में लेकर आना है. इस समय देशभर के 165 शहरों में CCD के क़रीब 572 आउटलेट्स हैं. इस समय इनका फोकस रेवेन्यू बढ़ाकर कर्ज को कम करने का है. फिलहाल वह करीब 95 फीसदी तक कर्ज को कम कर चुकी हैं.