सरकार दालों के खुदरा मूल्य को कम करने, और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के मकसद से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तय रेट पर दाल मुहैय्या कराएगी.
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नई दिल्लीः कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के चलते देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही डगमगाई हुई है कि अब खाद्य पदार्थों के बढ़े दामों से आम लोगों की जेबों पर बोझ बढ़ रहा है. लॉकडाउन के बाद से अनाज, दालों और तेल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में लोगों को थोड़ी राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. दरअसल, सरकार दालों के खुदरा मूल्य को कम करने, और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के मकसद से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तय रेट पर दाल मुहैय्या कराएगी.
लोगों की राहत के लिए केंद्र ने लिया फैसला
सरकार के फैसले के बाद खरीफ-18 वेरायटी वाली धुली उड़द दाल की कीमत 79 रुपए प्रति किलोग्राम और खरीफ-19 वेरायटी की धुली उड़द दाल का दाम 81 रुपए प्रति किलोग्राम होगा. वहीं तुअर यानी अरहर की दाल 85 रुपए प्रति किलोग्राम में मिलेगी. बता दें कि अरहर दाल के दाम पिछले दो-तीन महीने पहले 85 से 95 रुपये तक चल रहे थे लेकिन अब ये बढ़ कर 135 रुपये तक पहुंच चुके हैं. मूंग और मसूर की कीमत भी बढ़ी हुई है.
सरकारी बयान के अनुसार, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह प्रस्ताव दिया है कि वे आवश्यकता के आधार पर स्टॉक को 500 ग्राम और 1 किलो के खुदरा पैक में दालों को वितरित करें. उपभोक्ता मंत्रालय के मंत्री के मंत्री ने कहा, "उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखते हुए तुअर और उड़द की खुदरा कीमतों में वृद्धि को कम करने और दालों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया गया है.''
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