'चीन की आर्थिक नरमी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये सबसे बड़ी चुनौती'
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'चीन की आर्थिक नरमी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये सबसे बड़ी चुनौती'

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के मुख्य अर्थशास्त्री केन रोगोफ ने कहा है कि चीन की अर्थव्यवस्था उसके आधिकारिक आंकड़ों के मुकाबले अधिक धीमी पड़ रही है और दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति वैश्विक आर्थिक वृद्धि के लिये सबसे बड़ा खतरा है।

बीजिंग: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के मुख्य अर्थशास्त्री केन रोगोफ ने कहा है कि चीन की अर्थव्यवस्था उसके आधिकारिक आंकड़ों के मुकाबले अधिक धीमी पड़ रही है और दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति वैश्विक आर्थिक वृद्धि के लिये सबसे बड़ा खतरा है।

चीनी अर्थव्यवस्था में निरंतर नरमी को लेकर चिंता जताते हुए रोगोफ ने बीबीसी से कहा, ‘चीन बड़ी राजनीतिक क्रांति से गुजर रहा है और मुझे लगता है कि अर्थव्यवस्था आधिकारिक आंकड़ों की तुलना में अधिक तेजी से धीमी पड़ रही है।’ आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चीन की वृद्धि दर पिछले साल 6.9 प्रतिशत रही और सरकार ने इस साल 6.5 से 7.0 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान जताया है। 

इसमें यह भी कहा गया है कि इसे हासिल करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि वैश्विक वृद्धि के लिये चीन एक प्रमुख इंजन रहा है और यदि चीन की अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ती है तो इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय है।

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