जानकारों का मानना है कि इससे चीनी ऐप्स को संचालित करने वाली कंपनियों और खुद चीन को भी बड़ा आर्थिक और भारतीयों के डाटा का नुकसान होगा.
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नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने सोमवार को बड़ा कदम उठाते हुए 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया है. ऐसे में जानकारों का मानना है कि इससे चीनी ऐप्स को संचालित करने वाली कंपनियों और खुद चीन को भी बड़ा आर्थिक नुकसान होगा. अकेले टिकटॉक के बैन होने से ही कंपनी को 100 करोड़ रुपये की चपत लगने वाली है. इस हिसाब से आप सोच सकते हैं कि कितना बड़ा नुकसान चीन को होने जा रहा है.
10 में पांच सर्वाधिक चीनी ऐप्स होते हैं डाउनलोड
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत में केवल मार्च से मई 2020 के बीच 10 में से पांच सर्वाधिक डाउनलोड होने वाले मोबाइल ऐप्स चीनी कंपनियों के हैं. इनमें टिकटॉक, जूम, Helo, Uvideo और यूसी ब्राउजर शामिल हैं. हालांकि बैन होने वाले ऐप्स में जूम को शामिल नहीं किया गया है.
साइबर एक्सपर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकील पवन दुग्गल ने बात करते हुए बताया कि इससे चीन को सबसे ज्यादा नुकसान होगा. सरकार को ये कदम पहले उठा लेना चाहिए था. हालांकि इस कदम के अमल में आने में कम से कम 12-16 घंटे लगेंगे.
दुग्गल के मुताबिक चीनी ऐप्स से भारतीयों का व्यक्तिगत और वित्तीय डाटा चीन की सरकार के पास सीधे पहुंच रहा था. ऐसे में इन ऐप्स के बंद हो जाने से अब चीन की सरकार के पास भारतीयों का कोई डाटा नहीं पहुंचेगा. वहीं इन सभी कंपनियों के सर्वर भी चीन में मौजूद हैं. ऐसे में इस वक्त इन ऐप्स से लोगों की निजी जानकारी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत ज्यादा खतरा हो गया था.
चीनी कंपनियों द्वारा निवेश पर लग सकता है बैन
दुग्गल ने बताया कि सरकार को जल्द ही भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में चीनी कंपनियों द्वारा किए गए निवेश पर भी रोक लगाने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. पिछले पांच सालों में चीनी कंपनियों द्वारा इन स्टार्टअप्स में करीब 8 बिलियन डॉलर का निवेश किया गया है.
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