Knowledge: कोल्ड ड्रिंक नहीं ड्रग्स के विकल्प के रूप में बनी कोका-कोला, फौजी ने किया था तैयार
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Knowledge: कोल्ड ड्रिंक नहीं ड्रग्स के विकल्प के रूप में बनी कोका-कोला, फौजी ने किया था तैयार

Coca-Cola Founder Story: जिस कोका-कोला (Coca-Cola) को लोग कोल्ड ड्रिंक मान कर पीते हैं, क्या आपको पता है कि उसकी शुरुआत कैसे हुई? इस ड्रिंक को एक घायल फौजी ने ड्रग्स के विकल्प के तौर पर बनाया था.

Knowledge: कोल्ड ड्रिंक नहीं ड्रग्स के विकल्प के रूप में बनी कोका-कोला, फौजी ने किया था तैयार

Coca-Cola Founder Story: आज के वक्त में कोका-कोला (Coca-Cola) को हर कोई जानता है. लोग इसे काफी पसंद करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि जिसे आप कोल्ड ड्रिंक समझते हैं उसको एक फार्मेसी ने दवा की खोज के दौरान बनाया था. इस ड्रिंक को एक घायल फौजी ने तैयार किया था जो कि कभी फार्मेसी का काम करता था. उसकी कई साल की मेहनत के बाद कोका-कोला का फार्मूला तैयार हुआ था. यह घायल फौजी अपने दर्द को कम करने के लिए ड्रग्स लेता था. धीरे-धीरे इसे ड्रग्स की लत लग गई थी.

ड्रग्स की लत छोड़ने के लिए बनी थी कोका-कोला

कोका-कोला को साल 1886 में आज ही के दिन यानी 8 मई 1886 में फार्मासिस्ट जॉन पेम्बर्टन (John Pemberton) ने एटलांटा में बनाया था. पेम्बर्टन फौजी था. लेकिन उसने फार्मा की पढ़ाई की थी. एक युद्ध के दौरान वो बुरी तरह घायल हो गया. उसके शरीर पर कई जख्म हो गए. दर्द से राहत पाने के लिए उसने ड्रग्स लेना शुरू कर दिया और फौज की नौकरी छोड़ दी. कुछ दिनों बाद उसके जख्म तो ठीक हो गए लेकिन ड्रग्स की लत लग गई. इस लत को छोड़ने के लिए उसने इसके विकल्प ढूंढना शुरू किया. फिर उसे एक साथी मिला- फ्रैंक रॉबिन्सन. दोनों ने साथ मिलकर एक केमिकल कंपनी शुरू की. पेम्बर्टन यहां भी अपनी उसी ड्रिंक पर काम करने लगा. आखिरकार मई 1886 में पेम्बर्टन ने एक तरल पदार्थ बनाया. उसने इसमें सोडा मिलाकर लोगों को टेस्ट कराया. लोगों को यह ड्रिंक काफी पसंद आई.

फ्रैंक रॉबिन्सन ने रखा कंपनी का नाम

फ्रैंक रॉबिन्सन ने इस ड्रिंक को कोका-कोला नाम दिया. इस मिश्रण में कोरा अखरोट से कोका पत्ती और उसमें मिलाये गए कैफीन वाले सिरप के नुस्खे को कोका-कोला के नाम से जोड़ा था. फ्रैंक का मानना था कि नाम में डबल C होने से फायदा होगा. जो आसानी से लोगों की जुबान पर भी आ जायेगा. 

शुरू में होती थी केवल 9 ग्लास प्रति दिन की बिक्री

बहरहाल, कोका कोला को बेचने के लिए प्रति गिलास 5 सेंट का मूल्य तय किया गया. 8 मई 1886 को जैकब फार्मेसी पर पहली बार कोका कोला को बेचा गया. शुरू-शुरू में इसकी बिक्री काफी कम थी. पहले साथ का आंकड़ा सामने आया तो पता चला कि कोका-कोला की बिक्री हर दिन सिर्फ 9 ग्लास हुई थी. ऐसे में कंपनी को भारी नुकसान झेलना पड़ा. पहले साल की लागत की बात करें तो 70 डॉलर का खर्च आया था, जबकि कमाई सिर्फ 50 डॉलर हुई.

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मुफ्त में बांटे कोका-कोला के कूपन

कोका कोला का फार्मूला पेम्बर्टन के पास ज्यादा दिनों तक नहीं रह पाया. इस फार्मूले को साल 1887 में 2300 डॉलर की कीमत देकर अटलांटा के एक फार्मासिस्ट बिजनेसमैन आसा ग्रिग्स कैंडलर ने खरीद लिया. कैडलर ने कोका कोला के बिजनेस को सफल बनाने के लिए तरकीब निकाली. उसने लोगों को इसकी लत लगाने के लिए मुफ्त में इस ड्रिंक के कूपन बांटे. इसके बाद लोगों को इस ड्रिंक का ऐसा स्वाद लगा कि यह दुनियाभर में फेमस हो गई.

200 से ज्यादा देशों में मौजूद है कंपनी

ड्रग्स के विकल्प के तौर पर शुरू हुई कोका-कोला कंपनी आज दुनिया के 200 से भी ज्यादा देशों में मौजूद है. कंपनी के इन देशों में 900 से भी ज्यादा प्लांट हैं. ऐसा माना जाता गै कहा जाता है कि कोका कोला की कंपनी 3900 तरह की पीने वाली पदार्थ बनाती है, जिसे एक आदमी अगर रोज पीना शुरू करे तो इसके लिए उसे 9 साल का समय चाहिए.

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