सरकार ला सकती है एक और राहत पैकेज! नीति आयोग ने दिए संकेत, हालात बिगड़े तो उठाएंगे कदम
Advertisement

सरकार ला सकती है एक और राहत पैकेज! नीति आयोग ने दिए संकेत, हालात बिगड़े तो उठाएंगे कदम

कोरोना के तेजी से बढ़ रहे मामलों का असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने लगा है. इस स्थिति पर नीति आयोग (Niti Aayog) ने चिंता जताई है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: नई दिल्ली: One More Stimulus Package: देश में कोरोना (Corona) वायरस की दूसरी लहर ने सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. अगर कोरोना महामारी से देश की अर्थव्यवस्था को खतरा पैदा हुआ तो एक और आर्थिक राहत पैकेज भी दिया जा सकता है, इसके संकेत नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने दिए हैं. नीति आयोग ने कहा है कि देश को उपभोक्ता और निवेश के मामले में अधिक अनिश्चितता के लिए तैयार रहने की जरूरत है. आयोग का कहना है कि जरूरत पड़ने पर सरकार राजकोषीय उपायों के साथ हालात का सामान करेगी. आपको बता दें कि कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के भारी भरकम राहत पैकेज का ऐलान किया था. 

  1. स्थितियां पहले की तुलना में मुश्किल
  2. कई सेक्टरों पर पड़ रहा है असर
  3. 11 प्रतिशत तक बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

स्थितियां पहले की तुलना में मुश्किल

नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप की वजह से स्थिति पहले की तुलना में ज्यादा कठिन हो गई हैं. कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के साथ ही देश मृतकों की बढ़ती तादाद से भी जूझ रहा है. इसके चलते विभिन्न राज्य सरकारों को लोगों को आने-जाने की आजादी पर बैन लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है. राजीव कुमार ने कहा कि भारत पूरी तरह से COVID-19 को हराने की कगार पर था, लेकिन देश में ब्रिटेन और अन्य देशों के कोरोना स्ट्रेन ने इस बार हालात को और ज्यादा मुश्किल बना दिया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इतनी खराब स्थिति होने के बावजूद इस वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 11 प्रतिशत बढ़ जाएगी.

कई सेक्टरों पर पड़ रहा है असर

उन्होंने कहा कि सर्विस सेक्टर समेत कई क्षेत्रों पर कोरोना महामारी का प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों पर इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव भी दिखाई देंगे. ऐसे में उपभोक्ता और निवेशक दोनों को तैयार रहने की जरूरत है. 

इस सवाल पर कि क्या सरकार अर्थव्यवस्था (Economy) को गति देने के लिए कुछ नए उपायों पर विचार कर रही है. इस पर नीति अयोग (Niti Aayog) के उपाध्यक्ष ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभावों का आकलन करने के बाद वित्त मंत्रालय इस मसले पर प्रतिक्रिया देगा. राजीव कुमार ने कहा, 'जैसा कि आपने आरबीआई की प्रतिक्रिया को देखा है. बैंक ने इकॉनॉमी की स्पीड बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. मुझे यकीन है कि सरकार भी आवश्यक राजकोषीय उपायों के साथ इस पर रिस्पांस करेगी. रिजर्व बैंक ने बेंचमार्क ब्याज दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित छोड़ दिया था. हालांकि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक आक्रामक रुख बनाए रखा.

ये भी देखें-

11 प्रतिशत तक बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

बताते चलें कि पिछले साल कोरोना (Corona) महामारी शुरू होने पर केंद्र सरकार ने देश में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 'आत्मानबीर भारत' पैकेज की घोषणा की थी. इस घोषणा में करीब 27.1 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया गया था, राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 13 प्रतिशत से अधिक था. चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि के बारे में, कुमार ने कहा कि विभिन्न अनुमान बताते हैं कि यह लगभग 11 प्रतिशत होगा.

ये भी पढ़ें- वेबिनार में बोले PM Modi- दुनियाभर में वैक्सीन लेकर जा रहे विमान, साथ ला रहे भारत के प्रति भरोसा और आशीर्वाद

इससे पहले RBI ने भी वर्ष 2021-22 की नीति समीक्षा करते हुए 10.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था. आधिकारिक अनुमान के अनुसार, 2020-21 में देश की अर्थव्यवस्था को 8 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान लगाया गया था. 

LIVE TV

Trending news