Crisil Report: क्रिसिल की मासिक रिपोर्ट ‘रोटी राइस रेट’ के अनुसार, शाकाहारी थाली की कीमत में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह प्याज, टमाटर और आलू की कीमतों में आई तेजी रही. वहीं, ब्रॉयलर मुर्गे की कीमत में गिरावट से मांसाहारी भोजन की लागत में कमी आई है.
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Food Cost in India: आम जनता पर महंगाई की मार लगातार जारी है. लोगों के लिए शाकीहारी थाली खाना भी भारी पड़ रहा है. क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, जून में शाकाहारी थाली की कीमत औसतन 10 प्रतिशत तक बढ़ गई. हालांकि, मांसाहारी भोजन की लागत में कमी आई है.
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस की मासिक रिपोर्ट ‘रोटी राइस रेट’ के अनुसार, शाकाहारी थाली की कीमत में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह प्याज, टमाटर और आलू की कीमतों में आई तेजी रही. वहीं, ब्रॉयलर मुर्गे की कीमत में गिरावट से मांसाहारी भोजन की लागत में कमी आई है.
शाकाहारी थाली की कीमत में बढ़ोतरी
रिपोर्ट में कहा गया है कि शाकाहारी थाली की कीमत जून में 10 प्रतिशत बढ़कर 29.4 रुपये प्रति थाली हो गई, जो जून 2023 में 26.7 रुपये थी. जबकि मई 2024 में यह 27.8 रुपये थी. शाकाहारी थाली में रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर तथा आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल है.
रिपोर्ट में शाकाहारी थाली की कीमत में कुल वृद्धि का कारण टमाटर की कीमतों में 30 प्रतिशत, आलू में 59 प्रतिशत और प्याज में 46 प्रतिशत की वृद्धि को बताया गया है. क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, प्याज के मामले में रबी की फसल के रकबे में भारी गिरावट से आवक कम रही, जबकि मार्च में बेमौसम बारिश के कारण आलू की पैदावार कम हुई.
चावल की कीमतों में भी बढ़ोतरी
कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में उच्च तापमान के कारण ग्रीष्मकालीन फसल में संक्रमण होने से टमाटर की आवक पिछले साल की तुलना में 35 प्रतिशत कम हुई. रिपोर्ट में कहा गया, इसके अलावा रकबे में कमी के कारण चावल की कीमतों में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप आवक कम रही.
प्रमुख खरीफ महीनों में सूखे के कारण दालों की कीमतों में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई. मांसाहारी थाली की कीमत जून में घटकर 58 रुपये रह गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इसकी कीमत 60.5 रुपये थी. मई में इसकी कीमत 55.9 रुपये प्रति थाली थी. इसमें सामग्री शाकाहारी थाली के समान होती हैं, लेकिन दाल की जगह चिकन होता है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में ब्रॉयलर मुर्गे की कीमत में करीब 14 प्रतिशत की कमी, अधिक आपूर्ति और चारे की कम लागत के कारण मांसाहारी थाली की लागत में कमी आई है.