लदने वाले हैं सस्ते डेटा के दिन, समझिए कैसे AGR की लड़ाई में बढ़ेगा आपका मोबाइल बिल
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लदने वाले हैं सस्ते डेटा के दिन, समझिए कैसे AGR की लड़ाई में बढ़ेगा आपका मोबाइल बिल

इस देश में जो भी आर्थिक उठा-पटक होती है उसका सीधा असर हमारी और आपकी जेब पर पड़ता है. इस विशाल अर्थव्यवस्था के जितने भी छोटे बड़े इंजन हैं, उनको ईंधन हमारी ही जेब से भरा जाता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: इस देश में जो भी आर्थिक उठा-पटक होती है उसका सीधा असर हमारी और आपकी जेब पर पड़ता है. इस विशाल अर्थव्यवस्था के जितने भी छोटे बड़े इंजन हैं, उनको ईंधन हमारी ही जेब से भरा जाता है. अगर आपको ऐसा लगता है कि AGR मामले में टेलीकॉम कंपनियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आपकी जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ेगा, तो इस गलतफहमी को दूर कर लीजिए.

  1. बढ़ने वाला है आपके मोबाइल का बिल 
  2. AGR के फैसले से आपका बढ़ेगा खर्चा 
  3. 20-40 रुपये तक की हो सकती है बढ़ोतरी

करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये का AGR बकाया टेलीकॉम कंपनियों को चुकाना है. इसके लिए भी उन्हें 10 साल की मोहलत मिली है. ये रकम कहां से आएगी. इसका बहुत बड़ा हिस्सा टेलीकॉम ग्राहकों से ही वसूला जाएगा. 

अब ये कोई दबी जुबान में कही गई बात नहीं है, भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ये साफ बोल चुके हैं कि 'ग्राहकों को इंटरनेट डेटा के लिए ज्यादा पैसे चुकाने की तैयारी कर लेनी चाहिए.' इतनी बड़ी रकम के लिए टेलीकॉम कंपनियों के पास कुछ रास्ते हो सकते हैं. उनमें से एक है या वो खुद अपनी पॉकेट से भरें या फिर मोबाइल सेवाओं के टैरिफ में बढ़ोतरी करें. 

समझिए ARPU का चक्कर
ARPU ये एक टर्म है जिसे टेलीकॉम की भाषा में इस्तेमाल किया जाता है, जिसका मतलब है Average Revenue per User यानि एक उपभोक्ता से टेलीकॉम कंपनियों को कितनी कमाई होती है. Vodafone Idea के लिए पिछली तिमाही में ARPU 114 रुपये था, एयरटेल का ARPU 157 रुपये और रिलायंस जियो के लिए 140 रुपये. सुनील भारती मित्तल कह चुके हैं कि अगले 6 महीने में ARPU 200 रुपये हो जाएगा. यानि उनके हिसाब से ARPU में 40 रुपये की बढ़ोतरी होगी, यानि सीधे तौर पर टेलीकॉम उपभोक्ताओं के मंथली मोबाइल बिल में 40 रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी. 

टेलीकॉम कंपनियों की सेहत खराब 
ये तब है जब भारती एयरटेल पर 43 हजार करोड़ रुपये का AGR बकाया था, जिसमें से वो 18 हजार करोड़ रुपये दे चुके हैं. और दूसरी टेलीकॉम कंपनियों के मुकाबले बेहतर हालत में है. जबकि सबसे बुरी हालत तो वोडाफोन-आइडिया की है. उस पर 57 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है, और भुगतान सिर्फ 7,854 करोड़ रुपए का ही किया है. 

कितना बढ़ेगा बिल? 
रेटिंग एजेंसी CRISIL का अनुमान है कि 'AGR चुकाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को अपनी कॉल्स की दरें 20-30 रुपये तक बढ़ानी पड़ सकती हैं.' CRISIL कंपनियों की वित्तीय स्थिति और कर्जों का आंकलन करती है और ये बताती है कि उसकी सेहत कैसी है. इसी तरह ब्रोकरेज कंपनी जेफरीज (Jefferies) के मुताबिक 'Bharti Airtel को मार्च 2021 में करीब 2,600 करोड़ रुपये और Vodafone Idea को 5,000 करोड़ रुपये चुकाने हैं. ऐसे में ARPU को 10 परसेंट से 27 परसेंट तक बढ़ाया जा सकता है.' 

यानि ये मान कर चलिए सस्ते डेटा के दिन जाने वाले हैं. इन सब रिपोर्ट्स को सच मान लिया जाए तो, अगर आपका मंथली बिल 500 रुपये है, तो ये अगली बार से ये 520 रुपये से लेकर 635 रुपये तक हो सकता है. यानि 20 रुपये से लेकर 135 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है. एक बात और जो बेहद जरूरी है.आज से 10 साल पहले तक देश में कम से कम 8-10 टेलीकॉम कंपनियां हुआ करती थीं.

जिसकी वजह से मार्केट में सस्ती सेवाओं की होड़ थी, लेकिन धीरे धीरे ज्यादातर कंपनियां बंद हो गईं. अब मार्केट में गिनी चुनी सिर्फ 3 कंपनियां ही बची हैं. इसमें भी अगर कोई एक हट जाती है, तो किसी एक कंपनी का टेलीकॉम मार्केट पर पूरा कब्जा हो जाएगा, जिसे Monopoly कहते हैं. फिर ये कंपनी अपनी मर्जी के मुताबिक टैरिफ बढ़ाएगी या घटाएगी क्योंकि सामने कंपटीशन के लिए कोई नहीं होगा. 

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