Diamond Industry Business: डायमंड इंडस्ट्री के कारोबार में पिछले कुछ समय से गिरावट देखने को मिल रही है. कभी 2,25,000 करोड़ रुपये पर कारोबार करने वाली इंडस्ट्री का बिजनेस घटकर अब 1,50,000 करोड़ रुपये पर आ गया है.
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kiran james company: सूरत के हीरा कारोबारी सावजी ढोलकिया का नाम लेते ही दिमाग में कर्मचारियों को महंगे-महंगे गिफ्ट देने की बात तुरंत आ जाती है. पिछले दिनों उन्होंने दिवाली के मौके पर अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों को फ्लैट और कारें तक गिफ्ट की हैं. अब ऐसी ही सूरत की एक दिग्गज हीरा विनिर्माण कंपनी ने मंदी के कारण इंटरनेशनल मार्केट में पॉलिश किए गए हीरों की कम मांग का हवाला देते हुए अपने 50,000 कर्मचारियों 10 दिन की छुट्टी का ऐलान किया है. यह छुट्टी 17 से 27 अगस्त तक रहेगी. किरण जेम्स कंपनी की वेबसाइट के अनुसार यह 'नेचुरल हीरों की दुनिया की सबसे बड़ी निर्माता' कंपनी है.
50000 कर्मचारियों के लिए 10 दिन की छुट्टी का ऐलान
किरण जेम्स के चेयरमैन वल्लभभाई लखानी ने बताया, ‘हमने अपने 50,000 कर्मचारियों के लिए 10 दिन की छुट्टी का ऐलान किया है. हालांकि, हम इस दौरान कर्मचारियों का कुछ पैसा काटेंगे, लेकिन सभी कर्मचारियों को इस दौरान सैलरी दी जाएगी. मंदी के कारण हमें यह छुट्टी घोषित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. मैं अब इस मंदी से थक गया हूं.’ उन्होंने कच्चे हीरों की कम सप्लाई और कंपनी की तरफ से निर्यात किए जाने वाले पॉलिश किए गए हीरों की मांग की कमी के बारे में बताया.
मंदी के पीछे का सही कारण किसी को नहीं पता
लखानी ने कहा, ‘मांग में गिरावट से दूसरे कारोबारियों पर भी असर पड़ा है, लेकिन वे चुप हैं. हमने इसे सक्रिय रूप से घोषित किया है, क्योंकि हम चाहते हैं कि लोगों को हकीकत पता चले. कर्मचारियों के लिए यह छुट्टी हमारे उत्पादन को सही बनाने में मदद करेगा. इस मंदी के पीछे का सही कारण किसी को नहीं पता.’ सूरत डायमंड एसोसिएशन के चेयरमैन जगदीश खुंट ने लखानी की बात को दोहराते हुए कहा कि मंदी ने स्थानीय हीरा इंडस्ट्री को प्रभावित किया है, जो दुनिया के करीब 90 प्रतिशत हीरों का प्रोसेसिंग करता है.
रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-फलस्तीन संघर्ष का असर
खुंट ने कहा, ‘यह पहला मौका है जब किरण जेम्स ने (कर्मचारियों के लिए) इस तरह की छुट्टी घोषित की है. हालांकि, अभी तक किसी अन्य कंपनी ने ऐसा कदम नहीं उठाया है. लेकिन यह हकीकत है कि मंदी ने पॉलिश किए गए हीरों की बिक्री को कम कर दिया है.’ चूंकि पॉलिश किए गए 95 प्रतिशत हीरे निर्यात किए जाते हैं, इसलिए ग्लोबल कारण हमेशा कीमती पत्थरों की बिक्री को प्रभावित करते हैं. उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-फलस्तीन संघर्ष को कुछ कारकों के रूप में बताया.
75000 करोड़ घटा कारोबार
खूंट ने बताया, ‘रूस-यूक्रेन जंग और गाजा में इजरायल की कार्रवाई कुछ ऐसे कारण हैं, जिन्होंने ग्लोबल लेवल पर हीरे की मांग को प्रभावित किया है. साल 2022 में हीरा इंडस्ट्री का कारोबार करीब 2,25,000 करोड़ रुपये था. यह आज घटकर करीब 1,50,000 करोड़ रुपये रह गया है. इसलिए, इंडस्ट्री पिछले दो साल से नकारात्मक स्थिति में हैं.’ उन्होंने कहा कि सूरत में करीब 4,000 बड़ी और छोटी हीरा पॉलिशिंग और प्रोसेसिंग यूनिट करीब 10 लाख लोगों को रोजगार देती हैं. (इनपुट भाषा)