Zomato: ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो ( Zomato) के फाउंडर दीपेंद्र गोयल ( Deepinder Goyal) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में दीपेंद्र गोयल अपने शुरुआती दिनों का एक किस्सा सुना रहे हैं.
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Zomato CEO Deepinder Goyal: ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो ( Zomato) के फाउंडर दीपेंद्र गोयल ( Deepinder Goyal) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में दीपेंद्र गोयल अपने शुरुआती दिनों का एक किस्सा सुना रहे हैं. पंजाब के मिडिल क्लास फैमिली से आने वाले दीपेंद्र गोयल ने जब बिजनेस शुरू करने का फैसला किया तो उनके पिता को उनसे इस फैसले पर शक था. पिता जानते थे कि उनके पास न तो बिजनेस का तजुर्बा है और न ही इतना पैसा कि रिस्क ले सके.
दीपेंद्र गोयल का बिजनेस आइडिया
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की ओर से आयोजित एक प्रोग्राम में दीपेंद्र गोयल शामिल हुए थे. 16 साल पुराना किस्सा सुनाते हुए दीपेंद्र ने बताया कि कैसे उनके पिता को उनके बिजनेस आइडिया पर यकीन नहीं था. दीपेंद्र ने किस्सा सुनाते हुए कहा कि साल 2008 में जब उन्होंने अपने पिता से कहा कि वो ऑनलाइन फूड डिलीवरी का काम करना चाहते हैं, जोमैटो शुरू करना चाहते हैं, उनके पिता ने उनसे कहा कि, ' जनता है तेरा बाप कौन हैं? ' दरअसल वो कहना चाहते थे कि पंजाब जैसे छोटे शहर से आने वाला मिडिल क्लास का लड़का बिजनेस कैसे कर सकता है.
पंजाब के एक छोटे से शहर से आने के कारण यह यह मानसिकता थी. दीपेंद्र ने कहा कि मेरे पिताजी को लगता था, छोटे शहर वाले, मिडिल क्लास से आने वाले कभी स्टार्टअप नहीं कर सकते क्योंकि हमारी पृष्ठभूमि साधारण थी.उन्होंने कहा कि इस सरकार और उनकी पहल ने मेरे जैसे छोटे शहर के लड़के को जोमैटो जैसी कंपनी शुरू करने का साहस दिया, जो लाखों लोगों को रोजगार दे सकता है.
कैसे हुई जोमैटो की शुरुआत
पंजाब के रहने वाले दीपेंद्र ने ऑफिस कैंटीन में बैठे हुए जैमोटो शुरू करने का फैसला किया. दरअसल खाना ऑर्डर करने, मेन्यू कार्ड को देखने के लिए उन्हें लाइन में लगना पड़ा. यहीं से उन्हें आइडिया आया कि क्यों ना मेन्यू कार्ड को स्कैन करके ऑनलाइन कर दिया जाए. लोगों को उनका ये आइडिया खूब पसंद आया. इसके बाद उन्होंने एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया, जहां सिर्फ मेन्यू नहीं बल्कि खाना भी ऑर्डर कर सके. उन्होंने फूडलेट नाम की वेबसाइट बनाई. हालांकि उन्हें इसमें उन्हें बहुत सफलता नहीं मिली. लेकिन उनका आइडिया इंफोएज के फाउंडर संजीव बिखचंदानी को पसंद आ गया. उन्होंने साल 2010 में दीपेंद्र की कंपनी में एक मिलियन डॉलर का इनवेस्टमेंट किया, जिसके बाद सब ठीक चलने लगा, लेकिन कंपनी के नाम 'फूडीबे' को लेकर लीगल नोटिस आ गया.
उन्होंने फूडीबे का नाम बदलकर जोमैटो (Zomato) कर दिया गया. इसके बाद से दीपेंद्र की कंपनी बढ़ती चली गई. कंपनी भारत, यूएई सहित कई देशों में कारोबार कर रही है. आज जोमैटो की मार्केट कैपिटल 1.40 लाख करोड़ रुपये है. कंपनी के फाउंडर और सीईओ दीपेंद्र गोयल की नेटवर्थ करीब 2570 करोड़ रुपये है.
Deepinder Goyal, Zomato
When I started Zomato in 2008, my father used to say “tu janta hai tera baap kaun hai” as my dad thought I could never do a start up given our humble background. This government and their initiatives enabled a small town boy like me to build something… pic.twitter.com/vogdM6v8oT
— Hardeep Singh Puri (मोदी का परिवार) (@HardeepSPuri) May 20, 2024