वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस अकाउंट खोलने का कोई शुल्क या मेंटीनेंस फीस नहीं है. मिनिमम बैलेंस रखने की भी कोई जरूरत नहीं है. जन धन योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में की थी.
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PM Jan Dhan Yojana: प्रधानमंत्री जनधन योजना को शुरू हुए 10 साल पूरे हो गए हैं. योजना की वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाभार्थियों को बधाई दी. इस दौरान उन्होंने योजना से जुड़ी दूसरी जानकारी भी दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेश पहल है. यह गरीबों को आर्थिक मुख्यधारा में लाती है और हाशिए पर मौजूद समुदायों के विकास में अहम भूमिका निभाती है. वित्तीय समावेश के लिए राष्ट्रीय पहल पीएमजेडीवाई (PMJDY) के सफल क्रियान्वयन को एक दशक पूरा हो गया है.
बैंकिंग और वित्तीय परिदृश्य को बदल दिया
इस दौरान सीतारमण ने कहा, 'औपचारिक बैंकिंग सर्विस तक सार्वभौमिक व किफायती पहुंच वित्तीय समावेश और सशक्तिकरण हासिल करने के लिए जरूरी है. यह गरीबों को आर्थिक मुख्यधारा में लाती है और हाशिए पर मौजूद समुदायों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.' उन्होंने कहा कि बैंक अकाउंट, लघु बचत योजनाएं, बीमा तथा पहले बैंकिंग सुविधा से वंचित रहे लोगों को ऋण सहित सार्वभौमिक, सस्ती व औपचारिक वित्तीय सेवाएं प्रदान कर प्रधानमंत्री जन धन योजना ने पिछले एक दशक में देश के बैंकिंग तथा वित्तीय परिदृश्य को बदल दिया है.
53 करोड़ लोग बैंकिंग सिस्टम में शामिल हुए
सीतारमण ने कहा कि इस पहल की सफलता इस बात में परिलक्षित होती है कि जन धन खातों के जरिये 53 करोड़ लोग औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में शामिल हुए हैं. इन बैंक खातों में 2.3 लाख करोड़ रुपये की जमा राशि जमा हुई है और इसके परिणाम यह हुआ कि 36 करोड़ से ज्यादा फ्री रुपे कार्ड जारी किए गए हैं, जिन पर दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा ‘कवर’ भी मिलता है. उन्होंने बताया कि इसमें अकाउंट खोलने का कोई शुल्क या मेंटीनेंस फीस नहीं है. मिनिमम बैलेंस रखने की भी कोई जरूरत नहीं है. जन धन योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में की थी. उसी वर्ष 28 अगस्त को इस योजना को शुरू किया गया था.
55 प्रतिशत खाते महिलाओं के
वित्त मंत्री ने कहा कि यह जानकर खुशी हो रही है कि 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं और 55 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं. उन्होंने कहा, ‘जनधन-मोबाइल-आधार को जोड़ने के जरिये बनाई गई सहमति-आधारित ‘पाइपलाइन’ वित्तीय समावेश परिदृश्य के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक रही है. इसने पात्र लाभार्थियों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का त्वरित, निर्बाध तथा पारदर्शी हस्तांतरण संभव बनाया है और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया है.’
पीएमजेडीवाई एक परिवर्तनकारी आंदोलन
इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, ‘पीएमजेडीवाई केवल एक योजना नहीं है, बल्कि एक परिवर्तनकारी आंदोलन है. इसने बैंकिंग सेवाओं से वंचित लोगों को वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान की है और उनमें वित्तीय सुरक्षा की भावना उत्पन्न की है.’ उन्होंने कहा कि पिछले दशक में पीएमजेडीवाई के नेतृत्व में किए गए हस्तक्षेपों से रूपांतरकारी तथा दिशात्मक दोनों तरह के बदलाव आए हैं. इससे बैंक तथा वित्तीय संस्थान समाज के अंतिम व्यक्ति-सबसे गरीब व्यक्ति तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाने में सक्षम हुए हैं.
बाद के 9 साल में चार गुना हुए अकाउंट
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि पीएमजेडीवाई खाते न केवल प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण प्राप्त करने में सहायक रहे हैं, बल्कि ये बिना किसी बिचौलिये के, सरकार द्वारा इच्छित लाभार्थी को परेशानी मुक्त सब्सिडी/भुगतान, निर्बाध लेनदेन और बचत संचय के लिए एक मंच के रूप में भी काम करते हैं. इसमें कहा गया है कि जन सुरक्षा योजनाओं (सूक्ष्म बीमा योजनाओं) के जरिये असंगठित क्षेत्र के लाखों श्रमिकों को जीवन तथा दुर्घटना बीमा प्रदान करने में वे महत्वपूर्ण रहे हैं. इस योजना के तहत बैंक खातों की संख्या मार्च 2015 में 14.72 करोड़ से करीब चार गुना बढ़कर 14 अगस्त 2024 तक 53.13 करोड़ हो गई.
पीएमजेडीवाई के तहत कुल जमा राशि मार्च 2015 तक 15,670 करोड़ रुपये से बढ़कर अगस्त 2024 तक 2.31 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई. महिला विश्व बैंकिंग की क्षेत्रीय प्रमुख (दक्षिण एशिया) कल्पना अजयन ने कहा कि पिछले एक दशक में पीएमजेडीवाई ने बैंकिंग सुविधा से वंचित लाखों लोगों, खासकर महिलाओं को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा, ‘‘ इस योजना का प्रभाव महिलाओं की बढ़ती वित्तीय भागीदारी में स्पष्ट है, जिनके पास अब बचत करने, निवेश करने और अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने का अवसर है.’ (इनपुट भाषा)