त्योहारी सीजन में देश में दाल (Pulses) और फूड ऑयल (Edible Oil) के दामों में महंगाई रोकने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.
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नई दिल्ली: त्योहारी सीजन में देश में दाल (Pulses) और फूड ऑयल (Edible Oil) के दामों में महंगाई रोकने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. सरकार ने विदेशों से आयात बढ़ाने के साथ ही राज्य सरकारों को खाद्य वस्तुओं की जमाखोरी पर लगाम लगाने का भी निर्देश दिया है.
फूड मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी (Food Secretary) सुधांशु पांडेय (Sudhanshu Pandey) ने कहा कि मलेशिया में मजदूर संकट और बायो-फ्यूल के लिए खाद्य तेलों के डाइवर्जन के चलते फूड ऑयल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उछाल आया है. इसके बावजूद भारत में इसकी कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमत ज्यादा होने के बावजूद भारत में फूड ऑइल के दाम कम हैं.
Production of mustard oil has increased around 10 lakh metric ton. We can see the prices of mustard oil coming down by February: Sudhanshu Pandey, Secretary, Department of Food & Public Distribution pic.twitter.com/sdReItOIk9
— ANI (@ANI) October 22, 2021
उन्होंने कहा कि सरकार ने खाद्य तेलों (Edible Oil) का आयात बढ़ाने के साथ ही राज्य सरकारों को इसकी जमाखोरी पर सख्ती से अंकुश लगाने का भी निर्देश दिया है. मस्टर्ड ऑइल का प्रॉडक्शन 10 लाख मीट्रिक टन बढ़ा है. सरकार को उम्मीद है कि इन कदमों का असर जल्द दिखाई देगा और फूड ऑयल के दाम नीचे आने लगेंगे. इससे त्योहारी सीजन में लोगों को महंगाई से राहत मिलेगी.
फूड सेक्रेट्री ने कहा कि दालों की कीमतें (Pulse Price) नियंत्रित करने के लिए भी सरकार लगातार कोशिश कर रही है. पिछले साल की तुलना में इस बार तूर दाल का इंपोर्ट ज्यादा हुआ है. अगले महीने राज्यों के साथ बैठक करके देश में खाद्य तेल और दालों की कीमतों की पुन: समीक्षा की जाएगी. उन्होंने दावा किया कि देश में खाद्य तेल और दालों की कीमतों में फरवरी से कमी आने लगेगी. उस समय तक नई फसल आ चुकी होगी, जिससे बढ़ती महंगाई से राहत मिलेगी.
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सुधांशु पांडेय ने कहा कि व्यापारियों के साथ बातचीत करके राज्य सरकारें अगले हफ्ते से स्टॉक लिमिट तय करना शुरू कर देंगी. अगर कोई व्यापारी तय लिमिट से ज्यादा स्टॉक इकट्ठा करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि प्याज के दाम पर नजर रखने के लिए मंत्रालय की हर हफ्ते बैठक होगी. फिलहाल देश में 1 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है.
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