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नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंक ‘अपनी शाखाओं में जांच’ कर रहे हैं जिससे यह पता लगाया जा सके कि जनधन खातों में पैसा खाताधारकों ने ही जमा कराया है या फिर शून्य शेष खातों की संख्या को कम करने के लिए इसे बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट द्वारा जमा कराया गया है। उनसे मीडिया की उन खबरों के बारे में पूछा गया था जिनमें कहा गया है कि पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ बड़ौदा तथा बैंक आफ इंडिया के बैंकरों ने खुद ही जनधन खातों में एक रुपये जमा कराए हैं जिससे शून्य शेष खातों की संख्या को कम कर दिखाया जा सके।
वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ खातों के मामले में यह मुद्दा उठा है और इन चार बैंकों का नाम सामने आया है। ‘हमने उनसे पूछा है। बैंक अपनी खातों से इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या खाताधारकों ने खातों में पैसा खुद डाला है या फिर बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट ने उनके खाते में पैसा जमा कराया है। इसके बाद बैंक वित्तीय सेवा विभाग को अपनी रिपोर्ट देंगे।’ जेटली ने आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक में तिमाही प्रदर्शन की समीक्षा की।
जेटली ने कहा कि 24 करोड़ जनधन खाते हैं जिनमें जमा राशि 42,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा, ‘ये 24 करोड़ खाते मुख्य रूप से कमजोर तबके के हैं। अब इन लोगों ने खातों में 42,000 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। यह 42,000 करोड़ रपये का आंकड़ा सिर्फ एक रुपया डालकर हासिल नहीं किया जा सकता। सरकार की फ्लैगशिप वित्तीय समावेशी योजना प्रधानमंत्री जनधन योजना का मकसद प्रत्येक व्यक्ति को वित्तीय सेवाएं, जमा खाता, रेमिटेंस, रिण और दुर्घटना बीमा कवर उपलब्ध कराना है।