Millionaires Leaving India: देश छोड़कर क्यों विदेशों में बस रहे हैं करोड़पति भारतीय? जानें क्या है इसकी वजह
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Millionaires Leaving India: देश छोड़कर क्यों विदेशों में बस रहे हैं करोड़पति भारतीय? जानें क्या है इसकी वजह

Rich Indian Leaving Country: पूरे विश्व के करोड़पतियों की दुबई और सिंगापुर जैसी जगहें सबसे पसंदीदा रही हैं. हर अमीर उस देश में सैटल होना चाहता है, जहां टैक्स संबंधित नियम-कानून लचीले हों. इस मामले में भारत दूसरे नंबर पर हैं. 

Millionaires Leaving India: देश छोड़कर क्यों विदेशों में बस रहे हैं करोड़पति भारतीय? जानें क्या है इसकी वजह

Super Rich Indian Leaving Country: हजारों भारतीय करोड़पति हर साल विदेशों में जाकर सैटल हो जाते हैं. HNI की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में करीब साढ़े 6 हजार हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (High Net Worth Individuals) देश छोड़कर जा सकते हैं. इस रिपोर्ट के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों भारतीय देश छोड़ जा रहे हैं? जो कि लाजिमी भी है. 

सुपर रिच भारतीयों का ठिकाना कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया बनता जा रहा है. क्या ऐसा इंडिया में बढ़ती दरों के टैक्स के कारण हो रहा, क्या इन देशों में टैक्स की दरें भारत की अपेक्षा कम हैं? आइए जानते हैं क्या है वजह...

टैक्स दरें नहीं है देश छोड़ने की वजह 
इन तीनों देशों कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में सुपर रिच के लिए टैक्स की दरें भारत के मुकाबले कहीं अधिक है. जानकारी के मुताबिक कनाडा में पर्सनल इनकम की मैक्सिमम दर 54, अमेरिका में 51.6 और ऑस्ट्रेलिया में 45 फीसदी है. जबकि, इंडिया में यह केवल 30 प्रतिशत ही है.

G20 के 20 में से 15 देशों में पर्सनल आयकर की अधिकतम दरें भारत से ज्यादा है. जबकि, भारत G20 में तीसरा ऐसा देश है, जहां अधिकतम कॉर्पोरेट टैक्स 30 प्रतिशत तक है. गौरतलब है, भारत में अधिकतम टैक्स दर पर सरचार्ज और सेस दोनों लागू होते हैं. पर्सनल टैक्स की बात करें तो सरचार्ज टैक्स देनदारी के 25 फीसदी तक जा सकता है.

वहीं, ब्रिक्स के 5 देशों की बात करें तो चीन और दक्षिण अफ्रीका में अधिकतम आयकर दर 45 फीसदी है, जो भारत की अपेक्षा बहुत ज्यादा है. इस सबके बीच आर्थिक सहयोग और विकास संगठन डिजिटलीकरण और वैश्वीकरण से पैदा होने वाली टैक्स चुनौतियों का हल खोजने में लगा है.

लोग जीना चाहते हैं बेहतर लाइफस्टाइल
दुनियाभर के तमाम देशों के टैक्स स्लैब चेक करने पर पता चलता है कि भारतीय अमीरों के देश छोड़कर विदेशों में जाकर बसने के पीछे की मेन वजह टैक्स दरों में इजाफा होना नहीं है. लोग बेहतर लाइफस्टाइल काम और अच्छी लाइफ जीना चाहते हैं, जिसके लिए दूसरे देशों में सैटल होना चाहते हैं. इतना ही नहीं देश के सुपर रिच मोटा पैसा कमाना चाहते हैं, इसलिए दूसरे देश में बसना चाहते हैं. 

साल 2023 में इतने अमीर कर सकते हैं पलायन 
पूरे विश्व में वेल्थ और इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन पर नजर रखने वाली हेनले की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में अपना देश छोड़कर विदेशों में सैटल होने के मामले में भारतीय करोड़पति दूसरे नंबर पर हैं. जबकि, देश छोड़कर दूसरी जगह सैटल होने वालों में पहले नंबर पर चीन है, जहां से इस साल 13,500 अमीरों के पलायन करने की संभावना है. इस लिस्ट में तीसरे नंबर ब्रिटेन का है, जहां से साल 2023 में 3,200 हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल के पलायन करने का अनुमान है. जबकि, रूस से 3,000 अमीरों के विदेशों में जाने का अनुमान है, जो इस लिस्ट में चौथे नंबर पर है.

जानिए क्या कहना है एक्सपर्ट्स का 
हालांकि, एक्सपर्ट्स की माने तो करोड़पतियों का देश छोड़कर जाना कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है. इसके पीछे उनकी यह दलील है कि 2031 तक करोड़पतियों की आबादी तकरीबन 80 फीसदी तक बढ़ सकती है. इस बीच इंडिया दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते वेल्थ मार्केट में से एक होगा और देश में फाइनेंशियल सर्विसेज, टेक्नोलॉजी और फार्मा सेक्टर से सबसे ज्यादा अमीर निकलेंगे. 

एक्सपर्ट के मुताबिक भा​रतीय अमीरों के पसंदीदा देश सबसे ज्यादा सिंगापुर और दुबई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में ऑस्ट्रेलिया में दुनिया भर से सबसे ज्यादा  5,200 करोड़पतियों के आने का अनुमान है. जबकि, इस लिस्ट में यूएई दूसरे नंबर पर है, जहां इस साल 4,500 करोड़पतियों के आने की उम्मीद है. सिंगापुर इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है, जहां 3,200 अमीरों के आने की उम्मीद है. वहीं, अमेरिका में 2,100 अमीरों के पहुंचने की संभावना है. 

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