Budget 2023: इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी, 80सीसीसी और 80सीसीडी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख तक की छूट मिलती है. यह छूट पार्टनरशिप, कंपनी और कॉरपोरेट पर नहीं मिलती. 31 जुलाई से पहले इनकम टैक्स रिटर्न्स को इस छूट के लिए फाइल कर सकते हैं.
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Nirmala Sitharaman Budget: एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आम बजट पेश करेंगी. सभी लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार उनके लिए राहत का पिटारा खोलेगी. सैलरीड क्लास भी खुशखबरी के इंतजार में है. लेकिन चर्चा है कि सरकार इस बार सैलरीड क्लास के लिए 80सी के तहत होने वाले निवेश की छूट को बढ़ा सकती है. टैक्स बचाने के लिए वेतनभोगियों के लिए इनकम टैक्स स्लैब में 80सी सबसे अहम सेक्शन है. अगर सरकार इस सेक्शन में छूट की सीमा बढ़ाती है तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को राहत मिलेगी. फिलहाल 80सी के तहत 1.6 लाख की छूट मिलती है. उम्मीद लगाई जा रही है कि इस छूट सीमा को सरकार 2 लाख रुपये सालाना कर सकती है, जिससे सैलरीड क्लास को राहत मिलना तय है. अब जानिए अगर तनख्वाह 10 लाख रुपये है तो डिडक्शन लिमिट में इजाफा होने से आपको कितने पैसों का फायदा होगा.
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी, 80सीसीसी और 80सीसीडी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख तक की छूट मिलती है. यह छूट पार्टनरशिप, कंपनी और कॉरपोरेट पर नहीं मिलती. 31 जुलाई से पहले इनकम टैक्स रिटर्न्स को इस छूट के लिए फाइल कर सकते हैं. 80सी में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), म्यूचुअल फंड, प्रीमियम बीमा-सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट शामिल हैं. वहीं 80सीसीसी के तहत कुछ स्पेशल पॉलिसी आती हैं, जो एन्युटी और पेंशन के लिए भुगतान करती हैं. जबकि 80सीसीडी में नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) आता है.
कितने का होगा फायदा
इस बार बजट में सरकार की वेतनभोगियों को खुश करने की तैयारी है. 2023 के बजट में सरकार 80सी के तहत डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 2 लाख रुपये सालाना कर सकती है. अब सवाल है कि सैलरीड क्लास के पैसे कितने बचेंगे? जो भी राशि इस धारा के जरिए आप क्लेम करते हैं, वह ग्रॉस टोटल इनकम से घटा दिया जाता है.ये इसलिए होता है ताकि टैक्स की आसानी से गणना की जा सके. किसी की अगर 10 लाख रुपये कुल सैलरी है तो 2.5 लाख रुपये की छूट सभी को दी जाती है. 50 हजार की छूट स्टैंडर्ड डिडक्शन के तौर पर मिलती है. यानी कुल टैक्सेबल इनकम हुई 7 लाख रुपये.
अगर आप 1.5 लाख रुपये की छूट का दावा करते हैं तो जिस रकम पर टैक्स लगेगा, वो होगी 5.5 लाख रुपये. अगर डिडक्शन की लिमिट सरकार 80सी के तहत 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर देती है तो 10 लाख की तनख्वाह वाले की कर योग्य आय 5 लाख हो जाएगी. इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक, 2.5 लाख से 5 लाख की सालाना इनकम पर 5 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. लिमिट के बढ़ने से 10 लाख की तनख्वाह वाले शख्स की 2500 रुपये की और बचत होगी.
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