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नई दिल्ली: RBI on Current Account: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों के चालू खाता खोलने को लेकर जारी की गई गाइडलाइंस को लागू करने के लिए एक सर्कुलर जारी किया है. RBI ने साल 2020 में जारी नए नियमों को लागू करने के लिए बैंकों को अक्टूबर अंत तक का समय दिया है, जो कि पहले 31 जुलाई थी.
रिजर्व बैंक की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि बैंकों को निर्देश दिया गया है कि हेड ऑफिस और रीजनल ऑफिस/जोनल ऑफिस लेवल पर एक मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार करें, जिससे सर्कुलर को शांतिपूर्वक लागू किया जाए और इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि इस प्रक्रिया में किसी भी ग्राहक को बेवजह किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. आपको बता दें कि रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन करते हुए बैंकों ने लाखों की संख्या में चालू खाते (Current Accounts) बंद कर दिए हैं. इससे लाखों कारोबारियों और एमएसएमई को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन रिजर्व बैंक के ताजा निर्देशों से इन्हें राहत मिलेगी.
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Reserve Bank of India issued guidelines for implementation of the circular on the opening of current accounts by banks
RBI has given banks time until October end to implement the new rules on current accounts issued in 2020. The regulator had previously set a deadline of 31 July pic.twitter.com/ZLqtdMqgz9
— ANI (@ANI) August 4, 2021
1. उन उधारकर्ताओं के मामले में जिन्होंने किसी बैंक से CC/OD (cash-credit/overdraft) सुविधा का लाभ नहीं उठाया है, किसी भी बैंक द्वारा चालू खाते खोलने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. अगर ऐसे उधारकर्ताओं के लिए बैंकिंग प्रणाली का एक्सपोजर 5 करोड़ रुपये से कम है.
2. उन उधारकर्ताओं के मामले में जिन्होंने किसी भी बैंक से सीसी/ओडी सुविधा का लाभ नहीं उठाया है और बैंकिंग प्रणाली का एक्सपोजर 5 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा है है लेकिन 50 करोड़ रुपये से कम है, ऐसे उधारकर्ताओं को बैंक की ओर से कर्ज देने चालू खाता खोलने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. इतना ही नहीं केवल कलेक्शन के उद्देश्य से नॉन-लेंडिंग बैंक भी उधारकर्ताओं के लिए चालू खाता खोल सकते हैं.
3. यह प्रतिबंध उधारकर्ताओं पर लागू होता है, अगर वो सीसी/ओडी सुविधा का लाभ उठाते हैं, क्योंकि सभी परिचालन जो एक चालू खाते से किए जा सकते हैं, एक सीसी/ओडी खाते से भी किए जा सकते हैं क्योंकि सीबीएस वातावरण में बैंक एक शाखा-एक-ग्राहक मॉडल के मुकाबले एक-बैंक-एक कस्टमर मॉडल का पालन करते हैं.
दरअसल, रिजर्व बैंक ने फंड डायवर्जन पर लगाम लगाने कि लिए पिछले साल बैंकों के चालू खाते खोलने के लिए नियमों में कुछ सख्ती की थी. जिसमें ये कहा गया है कि बैंक उन उधारकर्ताओं के लिए चालू खाते नहीं खोल सकते हैं, जहां उनका एक्सपोजर बैंकिंग प्रणाली में उधारकर्ता के कुल एक्सपोजर के 10 परसेंट से भी कम है. रिजर्व बैंक ने पहले बैंकों को सर्कुलर जारी करने के तीन महीने के भीतर इसका पालन करने के लिए कहा था, लेकिन बैंक इसे लागू करने में नाकाम रहे तो रिजर्व बैंक ने समय सीमा 31 जुलाई तक बढ़ा दी थी, अब इसे बढ़ाकर अक्टूबर अंत कर दिया गया है.
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