बयान में कहा गया है कि जीएसटी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पासा पलटने वाला है और इसने बहुस्तरीय और जटिल कर ढांचे को एक सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी आधारित कर व्यवस्था में बदला है.
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नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन की दूसरी वर्षगांठ पर सोमवार को सरकार इस अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में कुछ और सुधार पेश करेगी. इन सुधारों में नई रिटर्न प्रणाली, नकद खाता प्रणाली को तर्कसंगत बनाना और एकल रिफंड वितरण प्रणाली शामिल है. वित्त मंत्रालय ने रविवार को बयान में कहा कि वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर इस मौके पर विभिन्न विभागों के सचिवों और अन्य अधिकारियों के साथ आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे.
बयान में कहा गया है कि जीएसटी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पासा पलटने वाला है और इसने बहुस्तरीय और जटिल कर ढांचे को एक सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी आधारित कर व्यवस्था में बदला है. मंत्रालय ने कहा कि वह एक जुलाई 2019 से परीक्षण के आधार पर एक नई रिटर्न प्रणाली शुरू करेगा. एक अक्टूबर से इसे अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा. मंत्रालय ने कहा, ‘‘छोटे करदाताओं के लिए सहज और सुगम रिटर्न का प्रस्ताव किया गया है.’’
एक नकद खाते के संदर्भ में सरकार इसे तर्कसंगत बनाते हुए 20 मदों को पांच प्रमुख मदों में शामिल करेगी. कर, ब्याज, जुर्माने, शुल्क और अन्य के लिए केवल एक नकद बही खाता होगा. मंत्रालय ने कहा कि एक एकल रिफंड वितरण प्रणाली बनाई जाएगी जिसमें सरकार सभी प्रमुख रिफंडों सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी और उपकर के रिफंड को मंजूरी देगी. जीएसटी को संसद के केंद्रीय हॉल में आयोजित एक भव्य समारोह में 30 जून, 2017 की मध्यरात्रि को लागू किया गया था जिसके बाद यह एक जुलाई, 2017 से प्रभाव में आया.