ITR भरने पर बड़ी राहत! टैक्सपेयर FY19 के लिए आराम से भर सकते हैं रिटर्न, बढ़ गई है तारीख
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ITR भरने पर बड़ी राहत! टैक्सपेयर FY19 के लिए आराम से भर सकते हैं रिटर्न, बढ़ गई है तारीख

कोरोना वायरस (Coronavirus) की महामारी के मद्देनजर आयकर दाताओं (Income Tax Payers) को और राहत देते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्तवर्ष 2018-19 (आकलन वर्ष 2019-20) के लिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return) भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2020 से आगे बढ़ा दी है.

ITR भरने पर बड़ी राहत!  टैक्सपेयर FY19 के लिए आराम से भर सकते हैं रिटर्न, बढ़ गई है तारीख

नई दिल्ली: इनकम टैक्स (Income Tax) देने वाले करोड़ों लोगों के लिए राहत की खबर आई है. केंद्र सरकार ने देश में मौजूदा कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के हालात को देखते हुए आयकर फाइल करने की अंतिम तारीख आगे बढ़ा दी है. सरकार ने वित्तवर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न (Income Tax Return) भरने की अंतिम तारीख और दो महीने यानी 30 सितंबर तक बढ़ा दी है.

  1. Income Tax देने वालों के लिए बड़ी राहत
  2. सरकार ने बढ़ा दी है टैक्स जमा करने की तारीख
  3. यहां जानें क्या मिली है राहत

आयकर विभाग ने कहा, ' कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर आयकर दाताओं को और राहत देते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्तवर्ष 2018-19 (आकलन वर्ष 2019-20) के लिए आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2020 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 कर दी है.'

उल्लेखनीय है कि वित्तवर्ष 2018-19 का मूल अथवा संशोधित आयकर रिटर्न भरने की तारीख तीसरी बार बढ़ाई गई है.

दरअसल वित्त वर्ष 2018-19 के लिए बिना किसी पेनल्टी के रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख पहले 31 जुलाई 2019 थी, जिसे सरकार ने बढ़ाकर 31 अगस्त 2019 किया था. इस तारीख के बाद गुजरे वित्त वर्ष के लिए ITR फाइल करने का मौका 31 मार्च 2020 तक था लेकिन पेनल्टी के साथ. अब यह मौका 30 सितंबर 2020 तक है. यहां यह याद रखना जरूरी है कि देरी से फाइल किया गया रिटर्न रिवाइज नहीं हो सकता.

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क्या कहता है नियम
आयकर अधिनियम की धारा 139 (1) के तहत आकलन वर्ष (AY) 2019-20 के लिए रिटर्न दाखिल करने के लिए निर्धारित समय के भीतर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर धारा 234F के तहत लेट फीस का प्रावधान है. 31 अगस्त के बाद 1 सितंबर 2019 से 31 दिसंबर 2019 के बीच रिटर्न फाइल करने वालों को 5,000 रुपये लेट फीस देनी पड़ी थी. हालांकि 5 लाख रुपये से कम कुल आमदनी वालों पर 1000 रुपये ही पेनल्टी लगी थी.

 

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