Wheat Price: खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि अभी गेहूं के निर्यात पर किसी तरह की रोक नहीं है और चीनी के निर्यात पर लगी पाबंदी को हटाने का भी कोई विचार नहीं है. यह सब कदम सरकार की तरफ से महंगाई को काबू में लाने के लिए उठाए जा रहे हैं.
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Import Tax on Wheat: केंद्र सरकार महंगाई पर लगाम लगाने की लगातार कोशिश कर रही है. इसी प्रयास के तहत आरबीआई (RBI) ने पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से रेपो रेट (Repo Rate) में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है. अब सरकार की तरफ से महंगाई पर लगाम लगाने और गेहूं की कीमत को काबू में रखने के लिए, होलसेलर और प्रोसेस करने वाली कंपनियों के लिए गेहूं के स्टॉक की लिमिट लगा दी गई है. इसके अलावा आयात शुल्क (Import Tax) को भी कम करने की प्लानिंग चल रही है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आयात शुल्क कम करने से बाजार में गेहूं की कीमत स्थिर रहने में मदद मिलने की उम्मीद है.
थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं की लिमिट 3,000 टन
संजीव चोपड़ा ने बताया कि देश में गेहूं की कमी नहीं है और मैं इस अफवाह को दूर करना चाहता हूं. उन्होंने बताया कि अभी गेहूं के निर्यात पर किसी तरह की रोक नहीं है और चीनी के निर्यात पर लगी पाबंदी को हटाने का भी कोई विचार नहीं है. सरकार का मकसद गेहूं की कीमत को स्थिर रखना है. उन्होंने आगे बताया कि थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं रखने की लिमिट 3,000 टन तक रहेगी, वहीं प्रोसेसिंग करने वाली कंपनियों के लिए ये लिमिट उनकी क्षमता का 70% होगी.
दुकान पर 10 टन गेहूं रखने की लिमिट तय
बड़ी सुपरमार्केट चेन के लिए एक दुकान पर 10 टन गेहूं रखने की लिमिट होगी. लेकिन सभी दुकानों पर कुल मिलाकर 3000 टन से ज्यादा गेहूं रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी. छोटे दुकानदारों के लिए यह लिमिट केवल 10 टन ही रहेगी. खाद्य सचिव चोपड़ा ने बताया कि हाल ही में खबरों में गेहूं सहित कई जरूरी चीजों के दाम में इजाफा होने की बात आई थी, इसी को ध्यान में रखकर यह लिमिट तय की गई है. उन्होंने बताया कि दुकानदार ज्यादा गेहूं को जमा नहीं कर सकें, इसलिए यह लिमिट लगाई गई है. उन्होंने बताया कि दामों को काबू में रखने के लिए कई तरीके हैं. इन तरीकों में से स्टॉक लिमिट एक है.
उन्होंने यह भी बताया कि 1 अप्रैल 2023 को सरकारी गोदाम में गेहूं का शुरुआती स्टॉक 82 लाख मीट्रिक टन (MLT) था, जबकि 1 अप्रैल 2024 को यह 75 लाख मीट्रिक टन था. यानी इस दौरान इसमें केवल 7 लाख मीट्रिक टन का ही फर्क है. उन्होंने आगे बताया कि पिछले साल 266 लाख मीट्रिक टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी. इस साल अब तक 262 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है और खरीद का काम अभी भी जारी है.