अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार ने किए कई बड़े ऐलान, बैंकों को 70000 करोड़ मिलेंगे
Advertisement

अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार ने किए कई बड़े ऐलान, बैंकों को 70000 करोड़ मिलेंगे

इस बजट में बैंकों के लिए 70 हजार करोड़ रुपये की घोषणा की गई थी. यह कदम क्रेडिट ग्रोथ (कर्ज उठाव) को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है.

(फोटो साभार @PIB_India)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डालेगी, जिससे वे 5 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज मुहैया करा पाएंगे. इससे कॉर्पोरेट्स, खुदरा कर्जदारों, और छोटे व्यापारियों समेत अन्य को फायदा होगा. इस कदम से क्रेडिट की वृद्धि दर को बढ़ावा मिलेगा, जो करीब 12 फीसदी तक होगी. साथ ही कंज्यूमर सेंटीमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को अर्थव्यवस्था की हालत सुधारने के उपायों के तहत यह घोषणा की जो तिमाही दर तिमाही खस्ताहाल होती जा रही है. बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये पुर्नपूजीकरण की घोषणा इस साल जुलाई में पेश किए गए पूर्ण बजट में की गई थी.

यह कदम क्रेडिट ग्रोथ (कर्ज उठाव) को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है, ताकि भारत को वित्त वर्ष 2024-25 तक 5 ट्रिलियन वाली अर्थव्यवस्था बनाया जा सके. बैंकरों का कहना है कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कर्ज देने की दर को सालाना 18-20 फीसदी की दर से बढ़ाना होगा. एक अन्य नीतिगत उपाय में, सीतारमण ने कहा कि बैंक अब सभी कर्जदाताओं को लाभान्वित करने के लिए MCLR कटौती के हिसाब से कर्ज की दर में कटौती करेंगे. इन दोनों कदमों से होम लोन, वाहन और अन्य खुदरा कर्ज की ईएमआई कम हो जाएगी, क्योंकि अब इन्हें सीधे रेपो दर से जोड़ दिया जायेगा. 

वित्त मंत्री ने कहा, "उद्योग के लिए कार्यशील पूंजी कर्ज भी सस्ता होगा." सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कर्ज चुकाने के 15 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से कर्ज से जुड़े दस्तावेज लौटाने का निर्देश दिया है. इससे उधारकतार्ओं को लाभ होगा, जिनके संपत्ति गिरवी रखी होती है क्योंकि इससे उन्हें आगे भी कर्ज जुटाने में मदद मिलेगी. बाजार में तरलता प्रदान (लिक्विडिटी बढ़ाने) करने और लोगों के खर्च करने के लिए अधिक पैसा देने के अन्य उपायों के अलावा, सरकार ने एनबीएफसी और एमएसएमई को अधिक क्रेडिट सहायता (कर्ज) देने का फैसला किया है.

Trending news