जानकारों का कहना है कि सोशल सिक्योरिटी कोड 2020 में नया प्रावधान किया जा रहा है. इसके तहत फिक्स्ड टर्म कर्मचारी के ग्रेच्युटी भुगतान नियम में बदलाव किया जाएगा.
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नई दिल्ली: कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी एक ऐसा शब्द है जो हमेशा से ही समझ से बाहर रहा है. कंपनियों में काम कर रहे कर्मचारियों को ये तो पता रहता है कि ग्रेच्युटी का प्रावधान है. लेकिन कब और कितना पैसा मिलेगा, इसका सटीक जवाब पता लगाना मुश्किल ही है. ग्रेच्युटी को लेकर सरकार नियमों में कुछ बदलाव करने वाली है. आइए हम बताते हैं ग्रेच्युटी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें...
ये है ग्रेच्युटी देने का नियम
क्या आप जानते हैं कि कर्मचारियों को ग्रेच्युटी (Gratuity) क्यों और कब मिलती है. इसे लेकर सरकार नियमों में कुछ बदलाव करने वाली है. हमारी सहयोगी वेबसाइट zeebiz.com के मुताबिक जिस कंपनी में 10 से ज्यादा कर्मचारी हैं, वहां इम्लॉयर को संस्थान के हर कर्मचारी को ग्रेच्युटी देनी होती है. पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत सरकार ने टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की रकम 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी है.
ग्रेच्युटी के नियमों में बदलाव
जानकारों का कहना है कि सोशल सिक्योरिटी कोड 2020 में नया प्रावधान किया जा रहा है. इसके तहत फिक्स्ड टर्म कर्मचारी के ग्रेच्युटी भुगतान नियम में बदलाव किया जाएगा. फिक्स्ड टर्म यानि निश्चित अवधि या कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों से है. अब कॉन्ट्रैक्ट के तहत रखे जाने वाले कर्मचारियों को 1 साल की नौकरी पर भी ग्रेच्युटी देने पर विचार हो रहा है. इसके अलावा 1 से 3 साल तक की नौकरी पर ग्रेच्युटी मिलने की भी संभावना जताई जा रही है. जानकारों का कहना है कि कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी को दिन के हिसाब से ग्रेच्युटी मिल सकती है. ग्रेच्युटी के लिए 5 साल की शर्त पूरा करना जरूरी नहीं रह जाएगा.
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ग्रेच्युटी नियम में बदलाव क्यों?
दरअसल पिछले कुछ सालों में जॉब सिक्योरिटी पहले की तुलना में घटी है. ऐसे में कुछ समय बाद ही कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. सरकार ग्रेच्युटी का हक मारने वाली कंपनियों पर लगाम कसना चाहती है. सरकार ग्रच्युटी के लिए PF जैसी व्यवस्था कर सकती है. ग्रेच्युटी को CTC का हिस्सा रखने का प्रस्ताव भी है.