DMRC: नए रूट पर आम सहमति बनती है तो अभी ग्रेनो वेस्ट मेट्रो का काम शुरू होने में छह महीने का समय लगेगा. पहले कॉमन प्लेटफॉर्म के जरिये एफओबी से जोड़ते हुए ग्रेनो वेस्ट मेट्रो की डीपीआर को मंजूर करने की अपील एनएमआरसी ने केंद्रीय मंत्रालय से की थी.
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NMRC New Plan: ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो के लिए नए रूट पर विचार किया जा रहा है. यह ऑप्शन ब्लू लाइन के सेक्टर-61 मेट्रो स्टेशन से देखा जा रहा है. नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की तरफ से नए रूट का विकल्प तलाशने के लिए मंजूरी दे दी है. केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने भी डीएमआरसी से नए रूट पर विचार करने को कहा है. इसके लिए स्टडी शुरू हो चुकी है. नए रूट की स्टडी से यह साफ हुआ है कि यदि ग्रेटर नोएडा मेट्रो को सेक्टर-61 से जोड़ा जाता है तो इससे मेट्रो का रूट ढाई किमी लंबा हो जाएगा और मेट्रो घूमकर जाएगी.
रिपोर्ट के लिए DMRC को एक महीने का समय
नए रूट की रिपोर्ट सौंपने के लिए डीएमआरसी को एक महीने का समय दिया गया है. नए रूट पर यदि आम सहमति बनती है तो अभी ग्रेनो वेस्ट मेट्रो का काम शुरू होने में कम से कम छह महीने का समय लग जाएगा. पहले कॉमन प्लेटफॉर्म के जरिये एफओबी से जोड़ते हुए ग्रेनो वेस्ट मेट्रो की डीपीआर को मंजूर करने की अपील एनएमआरसी ने केंद्रीय मंत्रालय से की थी. लेकिन इस पर मंजूरी नहीं मिली. इस कारण ग्रेनो वेस्ट मेट्रो की डीपीआर पर मंजूरी से पहले ही ग्रहण लग गया.
रिहाइशी इलाके से होकर गुजरेगी मेट्रो
इस बारे में एनएमआरसी अधिकारियों का कहना है कि इस अड़चन के बाद एक्वा लाइन को सेक्टर-51 से आगे बढ़ाकर ब्लू लाइन के सेक्टर-61 मेट्रो स्टेशन तक ले जाने पर विचार किया जा रहा है. अगर यह प्लान सक्सेस हुआ तो इसे आगे बढ़ाकर सेक्टर 123 से जोड़ा जा सकता है. दूसरी तरफ से इससे मेट्रो पिलर रिहाइशी इलाके में भी आ सकता है. इस रूट के फाइनल होने पर ग्रेनो जाने वाले यात्रियों को पहले जितना ही समय लगेगा. दरअसल, डीपीआर में बताए गए रूट पर यदि सहमति बनती तो सेक्टर 51 से 52 जाने में भी स्काई वॉक से समय लगता.
अब नए रूट के तहत सेक्टर-51 का एक्सटेंशन करते हुए सेक्टर-61 जाना होगा. दिल्ली जाने के लिए वापस सेक्टर-52 आना होगा. लेकिन इसमें यह फायदा होगा कि यात्रियों को प्लेटफॉर्म से नीचे उतरने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अभी सेक्टर-51 और सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन को जोड़ने के लिए स्काईवॉक का काम चल रहा है. स्काईवॉक तैयार होने के बाद एनएमआरसी और डीएमआरसी के हजारों यात्रियों को सुविधा मिलेगी.