GST Council Meeting: GST मुक्‍त हुईं कई दवाएं, पेट्रोल-डीजल पर हुआ ये फैसला
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GST Council Meeting: GST मुक्‍त हुईं कई दवाएं, पेट्रोल-डीजल पर हुआ ये फैसला

लखनऊ में शुक्रवार को हुई GST काउंसिल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. बैठक के बाद सरकार ने कई जीवन रक्षक दवाओं को GST फ्री करने की घोषणा की.

लखनऊ में GST Council की बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देती वित्त मंत्री सीतारमण

लखनऊ: लखनऊ में शुक्रवार को हुई GST काउंसिल की 45वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. बैठक के बाद सरकार ने कई महंगी जीवन रक्षक दवाओं को GST फ्री करने की घोषणा की. वहीं पेट्रोल-डीजल को GST फ्री करने के मुद्दे पर बैठक में सहमति नहीं बन पाई. 

  1. बैठक के बाद वित्तमंत्री सीतारमण ने दी जानकारी
  2. पैन पर लगाया जाएगा 18 प्रतिशत GST
  3. पेट्रोल- डीजल के मुद्दे पर नहीं बन पाई सहमति

बैठक के बाद वित्तमंत्री सीतारमण ने दी जानकारी

GST काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस वार्ता करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि Zolgensma और Viltepso जैसी जीवन रक्षक महंगी दवाओं को GST फ्री करने का फैसला लिया गया है. कोरोना के इलाज से जुड़ी Remdesivir दवा पर GST घटाकर 5 फीसदी किया गया है. उसे यह छूट इस साल 31 दिसंबर तक मिलती रहेगी. कैंसर के इलाज से जुड़ी कई दवाओं पर भी GST 12 से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है.

पेन पर लगाया जाएगा 18 प्रतिशत GST

उन्होंने बताया कि GST Council ने माल ढुलाई वाहनों के परिचालन के लिये राज्यों की ओर से वसूले जा रहे नेशनल परमिट शुल्क से छूट दी है. डीजल में मिलाए जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है. दिव्यांगों की ओर से यूज की जाने वाली किट पर GST घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. पेन और उसके हिस्सों पर 18 प्रतिशत GST चार्ज करने का फैसला लिया गया है. रिन्युएबल एनर्जी में इस्तेमाल होने वाली डिवाइस पर 12 प्रतिशत जीएसटी दर तय की गई है. 

पेट्रोल- डीजल के मुद्दे पर नहीं बन पाई सहमति

सीतारमण ने कहा कि GST Council ने फिलहाल पेट्रोल और डीजल को फिलहाल जीएसटी के दायरे में नहीं लाने का फैसला लिया है. काउंसिल का मानना है कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को माल और सेवा कर के दायरे में लाने का नहीं है. उन्होंने बताया कि अब स्विगी और जोमैटो जैसी फूड डिलीवरी कंपनियों को GST देना होगा. यह टैक्स ऑर्डर मंगाने वाले ग्राहक से वसूलकर कंपनी जमा करेगी.

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उन्होंने बताया कि काउंसिल ने जूता-चप्पल और कपड़ों पर एक जनवरी, 2022 से उल्टा शुल्क ढांचे (कच्चे माल पर कम और तैयार माल पर अधिक शुल्क) को ठीक करने को लेकर सहमति जताई है.

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