अडानी के शेयर खरीदने की मची है होड़, SBI, सिटीग्रुप समेत ये कंपनियां धड़ाधड़ लगा रही हैं पैसा
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अडानी के शेयर खरीदने की मची है होड़, SBI, सिटीग्रुप समेत ये कंपनियां धड़ाधड़ लगा रही हैं पैसा

अडानी समूह की पावर कंपनी अडानी पावर के शेयरों के लिए होड़ मची है.

Gautam Adani

Adani Share: अडानी समूह की पावर कंपनी अडानी पावर के शेयरों के लिए होड़ मची है. अडानी पावर ट्रांसमिशन यूनिट के एक अरब डॉलर के पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) में कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी की एक यूनिट, एसबीआई म्यूचुअल फंड और  विदेशी निवेश कोष नोमुरा और सिटीग्रुप सबसे ज्यादा शेयर खरीदने वालों में से हैं.  

अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) का 8,373.10 करोड़ रुपये (एक अरब अमेरिकी डॉलर) का क्यूआईपी पिछले सप्ताह बंद हुआ था।,इसमें 120 से अधिक निवेशकों ने बिजली पारेषण, वितरण और स्मार्ट मीटरिंग कारोबार कंपनी के शेयरों के लिए बोलियां लगाईं. अरबपति स्टेनली ड्रकेनमिलर के परिवारिक कार्यालय के नेतृत्व वाली निवेश फर्में उन कंपनियों में शामिल हैं जिन्होंने क्यूआईपी में एईएसएल के शेयरों के लिए बोली लगाई है. एईएसएल ने नियामकीय सूचना में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने पात्र संस्थागत खरीदारों को 976 रुपये प्रति शेयर के निर्गम मूल्य पर 8.57 करोड़ से अधिक शेयरों के आवंटन को मंजूरी दी है, जो 1,027 रुपये के न्यूनतम मूल्य पर 51.11 रुपये (4.98 प्रतिशत) की छूट है. पांच प्रतिशत से अधिक शेयर पाने वाले आवंटियों का विवरण देते हुए इसमें कहा गया है कि क्यूआईए की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी आईएनक्यू होल्डिंग्स एलएलसी ने 15 प्रतिशत शेयर हासिल किए हैं. 

सिटीग्रुप के दो मॉरीशस कोषों ने 8.88 प्रतिशत शेयर खरीदे, जबकि चार एसबीआई कोषों - एसबीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड, एसबीआई लार्ज एंड मिडकैप फंड, एसबीआई लॉन्ग टर्म एडवांटेज फंड सीरीज-चार और एसबीआई मैग्नम चिल्ड्रेन्स बेनिफिट फंड - ने मिलकर 7.93 प्रतिशत शेयर हासिल किए. नोमुरा सिंगापुर लिमिटेड ओडीआई ने 7.5 प्रतिशत शेयर खरीदे हैं. आईएनक्यू ने पिछले साल अगस्त में अरबपति गौतम अदाणी के समूह की नवीकरणीय ऊर्जा फर्म अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में लगभग 2.7 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था. 2020 में इसने एईएसएल की अनुषंगी अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड में हिस्सेदारी हासिल की थी. पिछले सप्ताह एईएसएल क्यूआईपी को छह गुना अधिक अभिदान मिला था. एक अरब डॉलर के निर्गम आकार के मुकाबले 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की बोलियां मिली थीं. 

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