HDFC के करोड़ों ग्राहकों के ल‍िए बड़ा अपडेट, अब कस्‍टमर को नहीं म‍िलेगी यह सुव‍िधा
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HDFC के करोड़ों ग्राहकों के ल‍िए बड़ा अपडेट, अब कस्‍टमर को नहीं म‍िलेगी यह सुव‍िधा

HDFC UPI Transaction Service: HDFC बैंक के ग्राहकों को सभी ट्रांजेक्शन के ल‍िए ईमेल से अलर्ट म‍िलता रहेगा. नियमानुसार बैंकों को 5,000 रुपये से ज्यादा के लेनदेन के लिए SMS भेजना जरूरी होता है. लेकिन कई बैंक इससे कम के अमाउंट के लेन-देन पर भी अलर्ट भेजते हैं.

HDFC के करोड़ों ग्राहकों के ल‍िए बड़ा अपडेट, अब कस्‍टमर को नहीं म‍िलेगी यह सुव‍िधा

HDFC Bank Sms Alert: अगर आप भी एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के कस्‍टमर हैं तो यह खबर आपसे ही जुड़ी है. प्राइवेट सेक्‍टर के देश के सबसे बड़े बैंक की तरफ से ग्राहकों के ल‍िए एक सुव‍िधा को बंद कर द‍िया गया है. HDFC बैंक की तरफ से बताया गया क‍ि अब उसकी तरफ से कम अमाउंट वाले यूपीआई ट्रांजेक्शन (UPI Transaction) के लिए एसएमएस अलर्ट (SMS Alert) भेजना बंद कर देगा. इसका मतलब हुआ क‍ि बैंक की तरफ से अब ग्राहकों को 100 रुपये से ज्‍यादा का पेमेंट करने पर या 500 रुपये से ज्यादा की राशि यूपीआई के जरिए मिलने पर ही SMS अलर्ट आएगा.

5000 से ज्यादा के लेनदेन के लिए SMS भेजना जरूरी

हालांकि, HDFC बैंक के ग्राहकों को सभी ट्रांजेक्शन के ल‍िए ईमेल से अलर्ट म‍िलता रहेगा. नियमानुसार बैंकों को 5,000 रुपये से ज्यादा के लेनदेन के लिए SMS भेजना जरूरी होता है. लेकिन कई बैंक इससे कम के अमाउंट के लेन-देन पर भी अलर्ट भेजते हैं. HDFC बैंक को ग्राहकों की तरफ से फीडबैक मिला है कि कम अमाउंट के लेन-देन के लिए अलर्ट मिलना उनके लिए बहुत ज्‍यादा जरूरी नहीं है.

हर द‍िन करोड़ों रुपये का खर्च
दरअसल, यूपीआई पेमेंट (UPI Payment) के लिए यूज किये जाने वाले ऐप भी अलर्ट भेजते हैं. इससे गैर जरूरी मैसेज आते हैं. यही कारण है क‍ि HDFC बैंक ने कम अमाउंट वाले UPI ट्रांजेक्शन के लिए SMS अलर्ट भेजना बंद करने का फैसला किया है. बैंकर्स के अनुसार थोक एसएमएस भेजने की लागत 0.01 रुपये से 0.03 रुपये के बीच है. यह देखते हुए कि UPI लेन-देन औसतन करीब 40 करोड़ रुपये प्रतिदिन होते हैं.

इससे बैंक की तरफ से एसएमएस पर हर द‍िन कुछ करोड़ रुपये खर्च क‍िया जाता है. बैंक की तरफ से कस्‍टमर को 500 रुपये तक के लेन-देन के लिए UPI लाइट पर जाने के लिए भी प्रोत्साहित क‍िया जा रहा है. UPI लाइट के तहत, ऐप की तरफ से थोड़ी राशि अलग रखी जाती है, जिससे दूसरी-कारक प्रमाणीकरण की जरूरत के ब‍िना एकदम पेमेंट हो सके. हालांक‍ि अभी यह जानकारी नहीं म‍िली है क‍ि इस सुव‍िधा को कब से खत्‍म क‍िया जाएगा.

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