फिर से चर्चा में हिंडनबर्ग,अडानी मामले में सेबी से मिली नोटिस तो भड़का शॉर्ट सेलर, इस भारतीय बैंक को भी लपेटा
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फिर से चर्चा में हिंडनबर्ग,अडानी मामले में सेबी से मिली नोटिस तो भड़का शॉर्ट सेलर, इस भारतीय बैंक को भी लपेटा

Adani-Hindenburg Saga:  साल पहले अडानी का साम्राज्य हिलाने वाली अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) फिर से चर्चा में है. अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी को भारत के मार्केट रेगुलेटर SEBI की ओर से नोटिस भेजा गया है.

Adani Hindenburg Case

SEBI Notice to Hindenburge: पिछले साल जनवरी में अडानी (Gautam Adani)  का साम्राज्य हिलाने वाली अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) फिर से चर्चा में है. अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी को भारत के मार्केट रेगुलेटर SEBI की ओर से नोटिस भेजा गया है. सेबी ने हिंडनबर्ग को 46 पन्नों का नोटिस भेजते हुए उसे कठघरे में खड़ा किया है. सेबी ने हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस भेजा है.  पिछले साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी रिपोर्ट जारी की थी. अपनी रिपोर्ट में उसने अडानी ग्रुप पर स्टॉक मैनिपुलेशन से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कई गंभीर आरोप लगाए थे. अब सेबी ने अमेरिकी शॉर्ट सेलर को नोटिस भेजा है. 

सेबी से नोटिस से भड़का हिंडनबर्ग

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक भारत के मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ एक्शन लिया है. सेबी की ओर से कारण बताओ नोटिस भेजे जाने के बाद हिंडनबर्ग भड़क गया. उसने नोटिस भेजे जाने के बाद सेबी को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है. उसने सेबी पर धोखेबाजों को बचाने का आरोप मढ़ दिया है. सेबी के एक्शन पर गुस्साए हिंडनबर्ग ने अपने 1 जुलाई के ब्लॉग पोस्ट में कहा कि सेबी की जिम्मेदारी निवेशकों की रक्षा करना है, लेकिन वो धोखाधड़ी करने वालों को बचा रहा है. उसने आरोप लगाया कि उनकी ओर से अडानी समूह के खिलाफ रिपोर्ट जारी किए जाने के बाद सेबी अडानी समूह को बचाने की कोशिश करने लगा. हिंडनबर्ग ने सेबी के कारण बताओ नोटिस को "बकवास" और "पूर्व निर्धारित उद्देश्य की पूर्ति के लिए मनगढ़ंत" करार दिया 

कोटक महिंद्रा बैंक को भी लपेटा 

रॉयटर्स के मुताबिक हिंडनबर्ग ने अपने ब्लॉग में भारतीय बैंक को भी इस मामले में लपेटा है. हिंडनबर्ग ने कहा कि कोटक बैंक ने एक ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर बनाया और उसकी देखरेख की. इस ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर का इस्तेमाल उसके इन्वेस्टर पार्टनर ने अडानी ग्रुप के खिलाफ दांव  लगाने में किया. हिंडनबर्ग ने कहा कि उसने इन्वेस्टर रिलेशनशिप के जरिए 41 लाख डॉलर का रेवेन्यू कमाया. वहीं अडानी के अमेरिकी बॉन्ड पर अपनी शॉर्ट पोजीशन से उसने 31,000 डॉलर की कमाई की. हालांकि उसने इन्वेस्टर कंपनी के नाम नहीं बताए. हिंडनबर्ग के इन खुलासों से निवेशकों को हैरान कर दिया है.  

डराने-धमकाने के लिए भेजा नोटिस 

हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी ने यह कारण बताओ नोटिस उसे डराने-धमकाने के लिए भेजा है. उसने आरोप लगाया कि सेबी अपनी जिम्मेदारी को नजरअंदाज किया है.  बता दें कि हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट के चलते अडानी समूह को भारी नुकसान हुआ था. अडानी का मार्केट कैप में 150 अरब डॉलर तक गिर गया. कंपनी पर हेराफेरी, गलत अकाउंटिंग , खाते में गड़बड़ी, और शेयरों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने संबंधी कई गंभीर आरोप लगे.  इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी के शेयर धड़ाम हो गए थे.  

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