Indian Railways: कैसे तय किया जाता है ट्रेन का नाम? 99% लोगों को नहीं मालूम रेलवे का ये फॉर्मूला
Advertisement
trendingNow11597406

Indian Railways: कैसे तय किया जाता है ट्रेन का नाम? 99% लोगों को नहीं मालूम रेलवे का ये फॉर्मूला

Indian Railway Rule: जानकारी के मुताबिक, इंडियन रेलवे के पास 9 हजार मालगाड़ियां, 13 हजार रेलगाड़ियां और 7 हजार से ज्यादा रेलवे स्टेशन हैं. इन दिनों भारतीय रेलवे लगातार यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने और उसे आधुनिक बनाने में लगा हुआ है. 

Indian Railways: कैसे तय किया जाता है ट्रेन का नाम? 99% लोगों को नहीं मालूम रेलवे का ये फॉर्मूला

Indian Railway Refund: भारतीय रेलवे हर दिन लाखों-करोड़ों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है. यह भारत में यातायात का न सिर्फ सस्ता बल्कि सुरक्षित विकल्प भी है. हर दिन इंडियन रेलवे 11 हजार ट्रेनों का संचालन करता है. यह दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क्स में से एक है. रेल नेटवर्क्स के मामले में यह दुनिया में चौथे और एशिया में दूसरे नंबर पर है. जानकारी के मुताबिक, इंडियन रेलवे के पास 9 हजार मालगाड़ियां, 13 हजार रेलगाड़ियां और 7 हजार से ज्यादा रेलवे स्टेशन हैं. इन दिनों भारतीय रेलवे लगातार यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने और उसे आधुनिक बनाने में लगा हुआ है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय ट्रेनों का नाम कैसे रखा जाता है. 

आपने गौर किया होगा कि इंडियन रेलवे की हर ट्रेन का एक नाम होता है. इसके लिए रेलवे का एक फॉर्मूला है. दरअसल ट्रेन जहां से शुरू होती है और जहां खत्म होती है, उन जगहों के नाम पर रखा जाता है. उदाहरण के लिए चेन्नई-जयपुर एक्सप्रेस, कोटा-पटना एक्सप्रेस. इसके अलावा किसी धार्मिक स्थल या फिर लोकेशन का भी ध्यान रखा जाता है. जैसे काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस. बिहार के वैशाली जिले का संबंध भगवान गौतम बुद्ध से है जबकि बनारस का भगवान शंकर से. लिहाजा इन ऐतिहासिक स्थलों पर भी ट्रेनों के नाम रखे गए हैं.

 शताब्दी, दुरंतो और राजधानी के बारे में जानिए

शताब्दी और राजधानी सुपरफास्ट ट्रेनों में तो आपने सफर जरूर किया होगा. राजधानी एक्सप्रेस यानी वो ट्रेन जो राजधानियों के बीच दौड़ती है. इसे भारत की अव्वल दर्जे की ट्रेनों में शुमार किया जाता है. इसकी रफ्तार और सुविधाएं बेहतरीन हैं. ये ट्रेन 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है. 

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के 100वें जन्मदिन के मौके पर साल 1989 में शताब्दी एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी. 100 साल की अवधि को एक सदी या शताब्दी कहा जाता है. इसलिए इस ट्रेन का नाम शताब्दी एक्सप्रेस रखा गया. यह 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है. इसके अलावा दुरंतो ट्रेन कुछ ही स्टेशनों पर रुकती है. दुरंतों का मतलब होता है बिना किसी रुकावट के. इसलिए इस ट्रेन को दुरंतो कहा जाता है. इस ट्रेन की स्पीड 140 किलोमीटर प्रति घंटा है.

हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com- सबसे पहले, सबसे आगे

Trending news