हरी सब्जियां हुईं 'लाल', किलो का भाव पूछकर पाव में खरीद रहे लोग
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हरी सब्जियां हुईं 'लाल', किलो का भाव पूछकर पाव में खरीद रहे लोग

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों (Vegetable) की महंगाई दर बीते महीने सितंबर में 15 फीसदी बढ़ी है वहीं खुदरा दुकानों पर सब्जियों (Vegetable) के दाम दोगुना से ज्यादा बढ़े हैं.

हरी सब्जियों के भाव में भारी उछाल.

नई दिल्ली: मानसून की विदाई के बाद देश की प्रमुख मंडियों में प्याज, टमाटर समेत हरी सब्जियों (Vegetable) की आवक में सुधार होने की संभावनाओं के बीच इनकी आसमान छूती महंगाई पर ब्रेक जरूर लग गया है, लेकिन खुदरा कीमतें अभी भी इतनी ऊंची है कि रसोई का बजट बिगड़ गया है. दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पटना समेत भारत के लगभग ज्यादातर हिस्सों में हरी सब्जियां इतनी महंगी हैं कि लोग कह रहे हैं हरी सब्जियां हुईं लाल. इस वक्त बाजार में लगभग हर हरी सब्जी 60-100 रुपए किलो बिक रहे हैं. सब्जी दुकानों पर देखा जा रहा है कि दुकानदार जब एक किलो का भाव बता रहे हैं तो लोग पाव भर सब्जियां खरीदकर ही चलते बन रहे हैं.

लहसुन के दाम आसमान पर पहुंचने से मुश्किल और बढ़ी है और गृहणियों के किचेन का बजट दोगुना बढ़ गया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों (Vegetable) की महंगाई दर बीते महीने सितंबर में 15 फीसदी बढ़ी है वहीं खुदरा दुकानों पर सब्जियों (Vegetable) के दाम दोगुना से ज्यादा बढ़े हैं.

लहसुन 250-300 रुपये प्रति किलो
प्याज और टमाटर की कीमतों को नियंत्रण में रखने की सरकार की कोशिशों के बावजूद देश के प्रमुख शहरों में उपभोक्ताओं को प्याज 50 रुपये प्रति किलो से ऊपर के भाव पर मिल रहा है और टमाटर 60-80 रुपये किलो बिक रहा है. लहसुन 250-300 रुपये प्रति किलो है. अन्य हरी सब्जियों (Vegetable) के दाम भी काफी ऊंचे हैं. इधर, आलू के दाम में भी वृद्धि होने लगी है.

सब्जियों (Vegetable) ने बिगाड़ा किचन का बजट
मंडावली निवासी गृहणी शारिका ने बताया कि दो महीने पहले जितनी सब्जियां 500 रुपये में आती थीं, उतनी ही सब्जियों (Vegetable) के लिए अब 1,000 रुपये से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है, जिससे किचेन का बजट बिगड़ गया है. उन्होंने कहा कि टमाटर, प्याज और लहसुन के दाम में वृद्धि तो हुई ही है, लौकी, गोभी, परवल व अन्य हरी सब्जियों (Vegetable) के दाम भी काफी बढ़ गए हैं.

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमत सूची के अनुसार, शुक्रवार को देश की राजधानी दिल्ली में प्याज का खुदरा भाव 52 रुपये किलो था, जबकि पिछले महीने 18 सिंतबर को भी प्याज का भाव 52 रुपये किलो ही था. हालांकि इस एक महीने के दौरान मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, प्याज का खुदरा भाव 60 रुपये प्रति किलो तक उछला.

टमाटर 80 रुपए किलो
इस कीमत सूची के अनुसार, टमाटर का खुदरा भाव दिल्ली में शुक्रवार को 56 रुपये प्रति किलो था जबकि एक महीने पहले 18 सिंबर को 36 रुपये किलो था. इस प्रकार पिछले महीने के मुकाबले टमाटर अभी भी 20 रुपये महंगा है, जबकि पिछले दिनों टमाटर का दाम 60 रुपये किलो तक उछला. मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि दिल्ली में मदर डेयरी ने अपने सफल आउटलेट पर 55 रुपये प्रति किलो से ऊंचे भाव पर टमाटर नहीं बेचने का आश्वासन दिया है. आप अगर नोएडा के खुदरा बाजार में जाते हैं तो टमाटर, 60-100 रुपए किलो तक बिक रहे हैं. गोभी 80-100 रुपए, बैंगन 60-80, भिंडी 60-80, तोरइ 60-80, लौकी 40-60 प्रति किलो बिक रहे हैं.

एपीएमसी (एग्रीक्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी) की आधिकारिक कीमत सूची के अनुसार, दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी में प्याज का थोक भाव शुक्रवार को 17.50-35 रुपये प्रति किलो था जबकि आवक 703.5 टन थी. वहीं, टमाटर का थोक भाव 12-40 रुपये प्रति किलो था और आवक 349.7 टन थी. आजादपुर मंडी में आलू का थोक भाव 6-24 रुपये प्रति किलो था जबकि इसकी आवक 1,478.1 टन थी. आजादपुर एपीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि प्याज और टमाटर के प्रमुख उत्पादक प्रदेशों में खेतों से पानी उतरने के बाद अब आने वाले दिनों में इनकी आवक में सुधार होने की उम्मीद है.

इसी हफ्ते जारी खुदरा महंगाई दर के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बीते महीने सितंबर में सब्जियों (Vegetable) की महंगाई दर में सितंबर 2018 के मुकाबले 15.40 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में 5.11 फीसदी का इजाफा हुआ.

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