सरकारी बैंक आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) को 30 जून को समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2,409.89 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. डूबे कर्ज के लिये अधिक प्रावधान के चलते बैंक को नुकसान हुआ.
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नई दिल्ली : सरकारी बैंक आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) को 30 जून को समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2,409.89 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. डूबे कर्ज के लिये अधिक प्रावधान के चलते बैंक को नुकसान हुआ. इससे पहले, पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भी उसे 853 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा था. बैंक का गैर निष्पादित अस्तियां (NPA) या डूबे कर्ज के लिये कुल प्रावधान तिमाही के दौरान बढ़कर 5,236.07 करोड़ रुपये हो गया.
पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसी मद में उसने 2,035.96 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. इस, दौरान सिर्फ डूबे कर्ज के लिये प्रावधान 1,873.21 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,602.55 करोड़ रुपये हो गया. आईडीबीआई बैंक ने नियामकीय जानकारी में कहा कि आलोच्य तिमाही में उसकी कुल आय गिरकर 6,402.50 करोड़ रुपये रही, जो एक वर्ष पहले की इसी अवधि में 6,730.88 करोड़ रुपये रही थी.
बैंक की सकल गैर निष्पादित अस्तियां (NPA) सकल कर्ज का 30.78 प्रतिशत यानी 57,806.84 करोड़ रुपये रहीं. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 24.11 प्रतिशत यानी 50,173.20 करोड़ रुपये था. इस दौरान, बैंक का शुद्ध एनपीए भी 15.8 प्रतिशत से बढ़कर 18.76 प्रतिशत रहा.
गौरतलब है कि सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम ने कर्ज के बोझ तले दबी आईडीबीआई बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अगस्त को इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है.