ITR फाइल न करने पर देना पड़ सकता है भारी जुर्माना, साथ में हो सकती है जेल
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ITR फाइल न करने पर देना पड़ सकता है भारी जुर्माना, साथ में हो सकती है जेल

आयकर रिटर्न भरना हर उस वेतनभोगी के लिए जरूरी है जिनकी सालाना आय पांच लाख रुपये से ज्यादा है. ऐसा न करने पर उनको भारी भरकम जुर्माना देना पड़ सकता है या फिर जेल हो सकती है. 

फाइल फोटो

नई दिल्लीः आयकर रिटर्न भरना हर उस वेतनभोगी के लिए जरूरी है जिनकी सालाना आय पांच लाख रुपये से ज्यादा है. ऐसा न करने पर उनको भारी भरकम जुर्माना देना पड़ सकता है या फिर जेल हो सकती है. फिलहाल सरकार ने पांच लाख तक की आय वालों को आईटीआर फाइल करने से मुक्त कर रखा है, लेकिन इससे ज्यादा की आय वालों को अपना रिटर्न भरना ही पड़ेगा. इसको फाइल न करने से लोगों को कई सारे आर्थिक नुकसान भी हो सकते हैं.

  1. फाइल न करने से लोगों को कई सारे आर्थिक नुकसान
  2.  50 फीसदी से लेकर के 200 फीसदी तक जुर्माना
  3. आयकर रिटर्न भरना हर वेतनभोगी के लिए जरूरी

समय पर रिटर्न भरना जरूरी
अगर आप 30 नवंबर 2020 तक वित्त वर्ष  2019-20 के आईटीआर फाइल कर देते हैं तो ठीक है. तय समय तक आईटीआर फाइल नहीं करते और इनकम टैक्स रिटर्न 31 दिसंबर 2020 तक फाइल करते हैं तो आपको 5,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. इसलिए 30 नवंबर 2020 तक अपने रिटर्न को जरूर फाइल कर दें, नहीं तो अच्छा खासा जुर्माना आपको देना पड़ सकता है.

अगर आप 31 दिसंबर तक भी आईटीआर फाइल नहीं करते और 31 मार्च 2021 तक आयकर रिटर्न फाइल करते हैं, तो आपको 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. वहीं अगर रिटर्न को फाइल नहीं किया जाता है तो आप करेंट असेसमेंट ईयर के नुकसान को अगले वित्तीय वर्ष में नहीं ले जा सकते हैं. ऐसे लोगों पर टैक्स गणना के मूल्य का 50 फीसदी से लेकर के 200 फीसदी तक जुर्माना लग सकता है. इसके साथ ही हाई वैल्यू वाले केसों में 7 साल की कठोर सजा हो सकती है. 

कुछ राहत भी है? 
अगर आपकी करयोग्य आमदनी सालाना पांच लाख रुपये से कम है, तो समय से आईटीआर फाइल नहीं करने पर अधिकतम जुर्माना 1,000 रुपये हो सकता है. अगर आपको आयकर विभाग से कोई नोटिस मिला है और आप उसके जवाब में आईटीआर फाइल कर रहे हैं, तो पिछले कई वर्षों के इनकम टैक्स रिटर्न आप देर से भी फाइल कर सकते हैं.

देर से आईटीआर फाइल करने के अन्य नुकसान 
अगर आप समय-सीमा तक आईटीआर फाइल नहीं करते तो आप कैपिटल गेंस या लॉस का आगे के वित्त वर्ष में लाभ (कैरी फॉरवर्ड) नहीं ले पाएंगे. अगर आप पर इनकम टैक्स की देनदारी बनती है और उसका भुगतान बकाया है, तो आपको एक फीसदी हर महीने के हिसाब से जुर्माना भी जमा करना होगा. 

क्या है कैपिटल गेंस टैक्स? 
कैपिटल गेंस का मतलब होता है पूंजी लाभ.अगर आपने घर, संपत्ति, जेवर, कार, शेयर, बॉन्ड आदि कुछ भी बेचा है तो उससे होने वाले लाभ को कैपिटल गेंस कहते हैं. इसी तरह पर इस तरह की संपत्ति को बेचने से होने वाले नुकसान पर कैपिटल लॉस होता है. कैपिटल गेंस को सरकार आपकी आमदनी का हिस्सा मानती है और इस पर आपको इनकम टैक्स चुकाना पड़ता है, इस हिसाब से भी आपके लिए आईटीआर फाइल करना जरूरी है.

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