बैंक अकाउंट में है Zero Balance, फिर भी इमरजेंसी में निकाल सकते हैं पैसा! जानें कैसे
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बैंक अकाउंट में है Zero Balance, फिर भी इमरजेंसी में निकाल सकते हैं पैसा! जानें कैसे

अगर आपका बैंक अकाउंट है, तो आपको फ्री ओवरड्राफ्ट (Overdraft) सुविधा का फायदा उठा कर पैसे निकाल सकते हैं. ज्यादातर लोगों को इस खास सुविधा के बारे में नहीं पता होता, अगर पता है भी तो इसे इस्तेमाल करने का तरीका नहीं मालूम. आइए बताते हैं इसके बारे में सबकुछ

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. कई बार अचानक कोई इमरजेंसी आ जाए और ऐसे में आपको पैसे की जरूरत पड़े, तो आप क्या करेंगे. आमतौर ऐसे में लोग दोस्तों, रिश्तेदारों से पैसे उधार लेते हैं. लेकिन आपको ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है. अगर आपका बैंक अकाउंट है, तो आपको फ्री ओवरड्राफ्ट (Overdraft) सुविधा का फायदा उठा कर पैसे निकाल सकते हैं. ज्यादातर लोगों को इस खास सुविधा के बारे में नहीं पता होता, अगर पता है भी तो इसे इस्तेमाल करने का तरीका नहीं मालूम. हम आपको बताने जा रहे हैं बैंकों की Overdraft सुविधा के बारे में जिससे अचानक आई पैसों की जरूरत को पूरा किया जा सकता है. 

  1. ओवरड्राफ्ट है बेहद काम की सर्विस
  2. ओवरड्राफ्ट सुविधा एक शॉर्ट टर्म लोन की तरह होती है
  3. पहले से तय होती है ओवरड्राफ्ट की लिमिट

क्या होती है Overdraft सुविधा 

दरअसल, ओवरड्राफ्ट सुविधा एक शॉर्ट टर्म कर्ज (Short term loan) की तरह ही है. जिसके जरिए खाताधारक तब भी अपने अकाउंट से पैसे निकाल सकता है, जब उसके खाते में पैसे नहीं हों या बिल्कुल ही जीरो बैलेंस हो. लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों में ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलती है. ज्यादातर बैंकों में ये सुविधा करंट अकाउंट, सैलरी अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलती है. कुछ बैंकों में शेयर, बॉन्ड, सैलरी, इंश्योरेंस पॉलिसी, घर, संपत्ति जैसी चीजों पर भी ओवरड्राफ्ट मिलता है. 

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पहले से तय होती है लिमिट

आमतौर पर बैंक अपने ग्राहकों को मैसेज या ई-मेल के जरिए इस बारे में सूचित करता रहता है कि वो ओवरड्राफ्ट की सुविधा को ले सकता है. बैंक की ओर से इस ओवरड्राफ्ट की लिमिट पहले से तय होती है. सैलरी ओवरड्राफ्ट की यह सुविधा तब काफी काम आती है जब अचानक ही कोई खर्च आ जाए. अगर आपकी EMI, SIP या कोई चेक लगा हुआ है तो इसके बाउंस होने के चांस भी रहते हैं. लेकिन ओवरड्राफ्ट की सुविधा लेने पर इस दुविधा से बचा जा सकता है. 

ओवरड्राफ्ट लेने की प्रक्रिया 

इमरजेंसी के वक्त अगर कैश की जरूरत हो तो बैंक में इसके लिए अप्लाई करना होता है, ठीक वैसे ही जैसे किसी दूसरे लोन के लिए करते हैं. मगल सैलेरी और करंट अकाउंट वालों को थोड़ी आसानी होती है. ओवरड्राफ्ट के तहत आपको बैंक से जरूरत के समय पैसा मिल जाएगा, चूंकि ये एक कर्ज ही तो आपको बाद में चुकाना होगा और इस पर ब्याज भी देना होगा. 

कितना मिलेगा ओवरड्राफ्ट 

ओवरड्राफ्ट पर कितना ब्याज लिया जाएगा और कितनी राशि दी जाएगी, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप कोलैटरल या गिरवी के रूप में क्या रख रहे हैं. ओवरड्राफ्ट के लिए बैंक के सामने कुछ न कुछ आपको गिरवी रखना होगा. जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट, बॉन्ड या शेयर. इसी हिसाब से कैश की लिमिट कम-ज्यादा हो सकती है. जैसे अगर बैंक में आपकी 2 लाख रुपये की एफडी है तो आपको तकरीबन 1.50 लाख रुपये तक का ओवरड्राफ्ट मिल सकता है. शेयर, बॉन्ड और डिबेंचर के मामले में ये राशि कम या ज्यादा हो सकती है.

जान लें ये शर्त

ओवरड्राफ्ट फैसेलिटी को ज्‍वाइंट में भी लिया जा सकता है. ऐसे में पैसे चुकाने की जिम्मेदारी दोनों की होगी. वहीं अगर कोई एक अमाउंट को नहीं चुका पाता है तो दूसरे को पूरा अमाउंट चुकाना होगा. वहीं गिरवी रखी गई चीजों पर रिस्‍क होगा. अगर आप ओवरड्राफ्ट नहीं चुका पाते हैं तो आपके द्वारा गिरवी रखी गई चीजों से इसकी भरपाई होगी. लेकिन अगर ओवरड्राफ्टेड अमाउंट गिरवी रखी गई चीजों की वैल्यु से ज्यादा है तो बाकी के पैसे आपको चुकाने होंगे.

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आम तौर पर बैंक आपकी सैलरी अकाउंट के बदले भी ओवरड्राफ्ट देते हैं. यह सैलरी का 2 से 3 गुना रकम हो सकती है. इस तरह के ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए आपका सैलरी अकाउंट उसी बैंक में होना चाहिए. जिससे आप ओवरड्राफ्ट लेना चाहते हैं. जैसे अगर आपका SBI में सैलरी अकाउंट है, तो ओवरड्राफ्ट के लिए कम से कम 6 रेगुलर सैलरी अकाउंट में क्रेडिट होनी जरूरी है. वहीं, अगर आपका SBI में FD है तो आप उस पर 5 करोड़ रुपये तक ओवरड्राफ्ट ले सकते हैं.

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