Budget 2023: पिछले 30 सालों में सिर्फ 2 बार बजट के पहले और बाद में आई है तेजी, क्या इस बार भी भागेगा बाजार?
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Budget 2023: पिछले 30 सालों में सिर्फ 2 बार बजट के पहले और बाद में आई है तेजी, क्या इस बार भी भागेगा बाजार?

Stock Market on Budget Day: देश का बजट जल्द ही पेश होने वाला है. बजट के बाद शेयर बाजार में तेजी रहेगी या फिर गिरावट आ सकती है. इसको लेकर मॉर्गन स्टेनली की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि पिछले 30 सालों में सिर्फ 2 बार बजट से पहले और बाद में तेजी का रुख देखने को मिला है. 

Budget 2023: पिछले 30 सालों में सिर्फ 2 बार बजट के पहले और बाद में आई है तेजी, क्या इस बार भी भागेगा बाजार?

Budget 2023: देश का बजट जल्द ही पेश होने वाला है. बजट के बाद शेयर बाजार में तेजी रहेगी या फिर गिरावट आ सकती है. इसको लेकर मॉर्गन स्टेनली की तरफ से एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि पिछले 30 सालों में सिर्फ 2 बार बजट से पहले और बाद में तेजी का रुख देखने को मिला है. मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बजट का बाजार पर प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है. 

30 सालों में कैसा रहा है रिकॉर्ड?
साल 2019 के बाद से अस्थिरता बढ़ी है और 2022 में 11 साल के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई है. मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि बजट के बाद 30 दिनों में बाजार तीन में से दो मौकों पर गिरता है. अगर बजट से पहले 30 दिनों में बाजार में तेजी आई है तो इस तरह की गिरावट की संभावना 80 फीसदी तक बढ़ जाती है. 30 साल में केवल दो बार बाजार बजट से पहले और बाद में दोनों बार चढ़ा है.

जानें क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट में कहा गया है कि इक्विटी पर प्रभावी दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर में वृद्धि या तो लंबी अवधि की पूंजी के लिए योग्यता प्राप्त करने के लिए होल्डिंग अवधि को 12 महीने से बढ़ाकर 2 या 3 साल करने के लिए, या टैक्स की दर में 10 फीसदी से 15 फीसदी की वृद्धि विशेष रूप से व्यापक बाजार में शेयरों के लिए एक निराशाजनक हो सकती है.

बजट के बाद दिख सकती है अस्थिरता
बजट के बाद के प्रदर्शन की भविष्यवाणी करना मुश्किल है, एक बात जो अधिक निश्चित लगती है वह यह है कि बजट के दिन अस्थिरता अधिक होगी, भले ही यह अस्थिरता पिछले तीन दशकों में घट रही हो.

मॉर्गन स्टेनली को क्या है उम्मीद?
मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि बजट धीरे-धीरे राजकोषीय समेकन पर ध्यान केंद्रित करेगा. वित्त वर्ष 2024 में राजकोषीय घाटे में कमी के लिए एक विश्वसनीय रास्ता तैयार करेगा. साथ ही केंद्र सरकार के घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 फीसदी तक कम करने के लिए मीडियम टर्म के रोड-मैप को दोहराएगा. सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के पूंजीगत खर्च को बढ़ावा देने के साथ निवेश-संचालित विकास का समर्थन जारी रखने, और जीवनयापन को आसान बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा. उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि बजट का फोकस रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे तक पहुंच और सुविधाओं की उपलब्धता में सुधार पर होगा.

एजेंसी - IANS

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