Income Tax में हुए इन बदलाव से नए साल में होगा आपका सामना, नहीं जाना तो होगा नुकसान!
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Income Tax में हुए इन बदलाव से नए साल में होगा आपका सामना, नहीं जाना तो होगा नुकसान!

Income Tax Filing: आईटीआर फाइल करने पर नए साल में आपको कई बदलावों का सामना करना पड़ेगा. इनमें से कुछ बदलाव ऐसे हैं ज‍िनसे आपको ज्‍यादा टैक्‍स देना होगा, वहीं कुछ के अनुसार आपको कम टैक्‍स देना होगा. आइए जानते हैं ड‍िटेल से-

Income Tax में हुए इन बदलाव से नए साल में होगा आपका सामना, नहीं जाना तो होगा नुकसान!

Income Tax Rules: अगर आप भी हर साल आयकर का भुगतान करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, साल 2024 में भारत सरकार की तरफ से कई आयकर नियमों में बदलाव क‍िया गया है. इन बदलावों के बारे में व‍ित्‍त मंत्री ने की तरफ से बजट में ऐलान क‍िया गया था. इन बदलावों के ह‍िसाब से आप जुलाई 2025 में अपना आयकर रिटर्न भरेंगे, तो आपको कितना टैक्स देना पड़ेगा इसमें फर्क पड़ सकता है. अब आपको कुछ चीजों पर पहले से कम या ज्यादा छूट मिलेगी. आएइ जानते हैं इन बदलावों के बारे में व‍िस्‍तार से-

न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम

न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम में बदलाव की वजह से लोग सालाना करीब 17,500 रुपये तक बचा सकते हैं. नए नियमों के अनुसार अब लोगों को कम टैक्स देना होगा. अगर आपकी सालाना कमाई 3 लाख रुपये से कम है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. अगर कमाई 3 लाख से 7 लाख रुपये के बीच है, तो आपको 5% टैक्स देना होगा. इसी तरह, आपकी कमाई जितनी ज्यादा होगी, उतना ही ज्यादा टैक्स देना होगा. लेकिन नए नियमों की वजह से पहले की तुलना में आपको कम टैक्स देना होगा. न्‍यू टैक्स र‍िजीम के तहत सभी कर्मचारियों के लिए स्‍टैडर्ड ड‍िडक्‍शन की ल‍िम‍िट को बढ़ाकर 50,000 से 75,000 रुपये कर दिया है. साथ ही, फैम‍िली पेंशनर्स के लिए इस ल‍िम‍िट को 15,000 से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है.

ओल्‍ड टैक्स र‍िजीम
अगर आप ओल्‍ड टैक्स र‍िजीम के हिसाब से टैक्स देना चाहते हैं, तो स्‍टैंडर्ड ड‍िडक्‍शन की ल‍िम‍िट पहले की ही तरह रहेगी. यानी आप अपनी कुल कमाई में से 50,000 रुपये (नौकरीपेशा लोगों के लिए) या 15,000 रुपये (पेंशनर्स के लिए) कम करके टैक्स की कैलकुलेशन कर सकते हैं. ओल्‍ड टैक्‍स र‍िजीम में टैक्स की दर अलग होती हैं. 2.5 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. 2.5 से 5 लाख रुपये तक की कमाई पर 5% टैक्स लगेगा, इसी तरह 5 से 10 लाख रुपये तक की कमाई पर 20% टैक्स लगेगा. 10 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई पर 30% टैक्स लगेगा.

कैप‍िटल गेन टैक्‍स
शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर यद‍ि आपने किसी शेयर या म्यूचुअल फंड को एक साल से कम समय के लिए रखा और उसे बेचकर मुनाफा कमाया है तो उस पर आपको पहले 15% टैक्स देना पड़ता था. अब आपको 20% टैक्स देना होगा. इसी तरह अगर आपने किसी शेयर या म्यूचुअल फंड को एक साल से ज्यादा के लिए रखा और उसे बेचकर मुनाफा कमाया है तो उस पर पहले 10% टैक्स देना पड़ता था. अब आपको 12.50% टैक्स देना होगा. पहले यद‍ि आपने किसी शेयर या म्यूचुअल फंड को एक साल से ज्यादा समय के लिए रखा और उसे बेचकर 1 लाख रुपये तक का मुनाफा कमाया, तो आपको उस पर टैक्स नहीं देना पड़ता था. अब आप 1,25,000 रुपये तक मुनाफा कमाने पर टैक्स नहीं देंगे.

स‍िक्‍योर‍िटी ट्रांजेक्‍शन में टैक्‍स हाइक
इक्‍व‍िटी डेरिवेटिव्स (F&O) शेयर पर बेस्‍ड वित्तीय उपकरण जैसे ऑप्शंस और फ्यूचर्स. इनका यूज शेयरों के भाव में होने वाले बदलावों से फायदा कमाने के लिए किया जाता है. अगर आप फ्यूचर्स का कारोबार करते हैं तो आपको पहले 0.0125% टैक्स देना पड़ता था, अब 0.02% टैक्स देना होगा. शेयर बाजार में होने वाले कुछ लेन-देन पर टैक्स बढ़ा दिया गया है. इससे शेयर बाजार में कारोबार करने वाले लोगों को थोड़ा नुकसान हो सकता है.

शेयर बॉयबैक पर टैक्‍स
पहले जब कोई कंपनी अपने शेयर वापस लेती थी तो तो शेयरहोल्‍डर को उससे मिलने वाले पैसे पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था. लेकिन अब सरकार ने नियम बदल दिए हैं. अब शेयरहोल्‍डर को बायबैक से मिलने वाले पैसे पर टैक्स देना होगा. यह टैक्स उसी तरह लगेगा जैसे ड‍िव‍िडेंड पर टैक्स लगता है. इस नियम को 1 अक्टूबर, 2024 से लागू कर द‍िया गया है.

इंडेक्‍सेशन बेन‍िफ‍िट
पहले, यद‍ि आप किसी प्रॉपर्टी को लंबे समय तक रखते थे और उसे बेचते थे तो महंगाई को ध्यान में रखकर टैक्स की कैलकुलेशन की जाती थी. इससे आपको कम टैक्स देना पड़ता था. लेकिन अब सरकार ने इस नियम को बदल दिया है. अब ज्यादातर मामलों में आपको महंगाई को ध्यान में नहीं रखकर टैक्स देना होगा. हालांक‍ि, आप जमीन या घर बेचते हैं तो आपके पास दो विकल्प होंगे. पहला 12.5% टैक्स देना, जिसमें महंगाई का ध्यान नहीं रखा जाएगा. दूसरा 20% टैक्स देना, जिसमें महंगाई का ध्यान रखा जाएगा.

टीडीएस
TDS (Tax Deducted at Source) जब आप किसी से पैसे लेते हैं, तो उस पैसे में से कुछ टैक्स काटकर सरकार को देना होता है. इसे TDS कहते हैं. TCS (Tax Collected at Source) जब आप कुछ सामान खरीदते हैं, तो उस सामान की कीमत में से कुछ टैक्स सरकार के लिए अलग से लिया जाता है. इसे TCS कहते हैं. सरकार ने TDS के नियमों में कुछ बदलाव किये हैं. पहले कुछ मामलों में 5% TDS काटना होता था, अब 2% ही काटना होगा. म्यूचुअल फंड से पैसे निकालने पर पहले 20% TDS काटना होता था, अब यह नहीं काटना होगा. ई-कॉमर्स कंपनियों को अब कम टैक्स देना होगा. पहले उन्हें 1% टैक्स देना पड़ता था, अब केवल 0.1% टैक्स देना होगा.

फ‍िर से टैक्‍स मांगने का अध‍िकार
पहले यद‍ि आपने किसी साल में टैक्स कम दिया था, तो सरकार कुछ ही समय के बाद उस टैक्स की मांग नहीं कर सकती थी. लेकिन अब सरकार को अधिकार दिया गया है कि वह 5 साल बाद में भी आपसे टैक्स मांग सकती है. लेकिन यह नियम केवल तब ही लागू होगा जब आपने 50 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर टैक्स नहीं दिया हो. अगर आपने 50 लाख रुपये से कम की आय पर टैक्स नहीं दिया है, तो सरकार बाद में आपसे टैक्स नहीं मांग सकती है.

व‍िवाद से व‍िश्‍वास योजना
सरकार ने साल 2024 के बजट में 'विवाद से व‍िश्‍वास योजना' शुरू की. इस योजना का मकसद लोगों का सरकार के साथ टैक्स को लेकर जो विवाद चल रहा है, उसे खत्म करना है. इस योजना के तहत, यद‍ि किसी व्यक्ति का सरकार के साथ टैक्स को लेकर विवाद चल रहा है तो वह सरकार को कुछ पैसे दे सकता है. अगर वह ऐसा करता है, तो सरकार उस पर लगने वाले जुर्माना और ब्याज माफ कर देगी. 

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