Income Tax Rebate: सीधे शब्दों में कहें तो इनकम टैक्स रिबेट आपकी इनकम पर रिफंड का एक रूप है. आयकर (आईटी) विभाग कुछ परिस्थितियों में यह रिफंड या छूट प्रदान करता है. टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिबेट तब हासिल करने के लिए उत्तरदायी होते हैं, जब उन्हें एक वित्तीय वर्ष में आयकर विभाग को देय राशि से अधिक टैक्स का भुगतान किया हो.
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Income Tax Slab: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 1 फरवरी को बजट 2023-24 पेश किया गया. इस बार के बजट में निर्मला सीतारमण की ओर से कई अहम ऐलान किए गए थे. वहीं बजट में इनकम टैक्सपैयर्स को राहत भी दी गई थी. सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक कर दिया. जिससे अब सात लाख रुपये की सालाना आय वालों को कोई भी टैक्स नहीं देना होगा. हालांकि सरकार की ओर से रिबेट देने के कारण ऐसा संभव हो सकता है. आयकर अधिनियम की धार 87A के तहत यह छूट हासिल होती है. 2013-2014 में भारत सरकार के जरिए धारा 87A के तहत टैक्स रिबेट की शुरुआत की गई थी. 1 फरवरी, 2023 को केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई आयकर व्यवस्था के तहत इस आयकर छूट में बदलाव की घोषणा की है. आइए जानते हैं इसके बारे में...
क्या है Income Tax Rebate?
सीधे शब्दों में कहें तो इनकम टैक्स रिबेट आपकी इनकम पर रिफंड का एक रूप है. आयकर (आईटी) विभाग कुछ परिस्थितियों में यह रिफंड या छूट प्रदान करता है. टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिबेट तब हासिल करने के लिए उत्तरदायी होते हैं, जब उन्हें एक वित्तीय वर्ष में आयकर विभाग को देय राशि से अधिक टैक्स का भुगतान किया हो. आयकर छूट का लाभ उठाने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप अपनी टैक्स देयता की कैलकुलेशन सही ढंग से करें और निर्धारित वक्त के भीतर अपने आयकर रिटर्न की सही गणना करें.
धारा 87ए क्या है?
आयकर अधिनियम की धारा 87ए के प्रावधानों के तहत एक व्यक्तिगत भारतीय निवासी जिसकी वित्तीय वर्ष के लिए कुल आय पूर्व निर्धारित सीमा से अधिक नहीं है, देय आयकर पर 100% की रिबेट प्रदान की जाती है. वित्त वर्ष 2022-23 तक धारा 87ए के तहत छूट का दावा करने की आय सीमा 5 लाख रुपये थी. इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जिस व्यक्ति की आय 5 लाख रुपये तक थी, उसे किसी भी आयकर का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं थी.
टैक्स छूट
धारा 87ए के तहत छूट का दावा करने के लिए अधिकतम आय सीमा में समय-समय पर संशोधन किया गया है. केंद्रीय बजट 2019 में सरकार ने धारा 87A के तहत छूट का दावा करने के लिए नेट टैक्सेबल इनकम की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था. वहीं केंद्रीय बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि धारा 87ए के तहत रिबेट को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया जाएगा, जिससे भारत की बढ़ती मध्यम वर्ग की आबादी के लिए राहत की एक बड़ी सांस आई है.
टैक्स स्लैब
नई कर व्यवस्था में छूट की सीमा को बढ़ाकर अब 7 लाख रुपये कर दिया गया है. इस प्रकार नए टैक्स सिस्टम में 7 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को कोई कर नहीं देना होगा. इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2023-24 से एक व्यक्तिगत करदाता जो भारत का निवासी है, वह अब 7 लाख रुपये से अधिक की कुल इनकम पर देय इनकम टैक्स के 100% का इनकम टैक्स रिबेट का दावा करने का हकदार होगा.
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