भारत और मॉरिशस डीटीएटी पर वार्ता आगे बढ़ाने पर सहमत
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भारत और मॉरिशस डीटीएटी पर वार्ता आगे बढ़ाने पर सहमत

भारत और मॉरिशस दोहरे कराधान से बचाव की संधि (डीटीएटी) में लंबे समय से लंबित संशोधन के संबंध में वार्ता को आगे बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं और उन्होंने कहा है कि इसका उद्देश्य इस समझौते के दुरपयोग को रोकना है।

पोर्ट लुई : भारत और मॉरिशस दोहरे कराधान से बचाव की संधि (डीटीएटी) में लंबे समय से लंबित संशोधन के संबंध में वार्ता को आगे बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं और उन्होंने कहा है कि इसका उद्देश्य इस समझौते के दुरपयोग को रोकना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मारीशस के प्रधामनंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ ने पिछली रात हुई वार्ता के दौरान यह प्रतिबद्धता जाहिर की। भारत ने मारीशस को मुख्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 50 करोड़ डालर की ऋण सुविधा की पेशकश की है। गैरकानूनी धन और कर चोरी करने के लिए मॉरिशस का दुरुपयोग किए जाने से जुड़ी भारत की आशंका के बीच द्विपक्षीय कर संधि में संशोधन संबंधी वार्ता लंबे समय से अटकी हुई थी।

मोदी और जगन्नाथ के बीच पहले दिन की वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच पांच अन्य समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए जिनमें सामुद्रिक अर्थव्यवस्था विकसित करना शामिल है। मोदी तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में मारीशस की दो दिन की यात्रा पर आए हैं जिसके बाद वह कल श्रीलंका जाएंगे। मोदी ने अन्य द्विपक्षीय आर्थिक मामलों पर कहा कि दोनों देशों को व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर चर्चा पुन: शुरू करनी चाहिए।

जगन्नाथ ने अपने जवाब में कहा कि बाजार पहुंच बढ़ाने के लिए अगस्त 2006 में हुए तरजीही व्यापार समझौते की समीक्षा होनी चाहिए और दोनों देश इस दिशा में आगे बढ़ने पर सहमत हैं। मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जगन्नाथ ने कहा कि उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री के सामने मारीशस-भारत दोहरे कराधान से बचाव की संधि से जुड़े मुद्दे उठाए।

उन्होंने कहा कि हम इस बात की प्रशंसा करते हैं कि भारत ने 2017 तक गार का कार्यान्वयन टाल दिया है। मैंने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि वह डीटीएए को अपना पूर्ण समर्थन दें क्योंकि यह हमारे वैश्विक व्यापार क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। मोदी ने अपने जवाब में कहा कि दोनों पक्ष समझौते के दुरपयोग से बचने के लिए साझा उद्देश्य के आधार पर संशोधित संधि हेतु वार्ता जारी रखने पर सहमत हो गए हैं। मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सालों में हमने डीटीएए में संशोधन पर चर्चा की है। यह समझौते के दुरुपयोग से बचाव के हमारे साझा उद्देश्य पर आधारित है और इस व्यवस्था से मारीशस को फायदा उठाने में मदद मिलेगी। हमने इस वार्ता को जारी रखने पर सहमति जताई है।

उन्होंने कहा कि हालांकि मैंने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया है कि हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे विश्व में हमारे सबसे मजबूत रणनीति भागीदारों में से एक के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को कोई नुकसान हो। मोदी ने यह भी कहा कि मारीशस को कराधान के संबंध में सूचनाओं के आदान-प्रदान के संबंध पर भारतीय सहयोग की भी पेशकश की गई है। उन्होंने कहा कि मैं कराधान पर सूचनाओं के आदान-प्रदान पर मारीशस द्वारा किए गए समर्थन और सहायता की पेशकश का सम्मान करता हूं।

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