WPI inflation Record: सरकार की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि जून में महंगाई दर में गिरावट खनिज तेल, खाद्य उत्पादों, बुनियादी धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम प्रोडक्ट और प्राकृतिक गैस व कपड़ों की कीमत में गिरावट के कारण है.
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Wholesale Price Index: महंगाई के मोर्चे पर देशवासियों के लिए लगातार तीसरे महीने खुशखबरी आई है. जून में WPI इंडेक्स मई के मुकाबले गिरकर (-) 4.12 प्रतिशत पर आ गया है. इससे पहले मई में यह (-) 3.48 प्रतिशत थी. यह थोक महंगाई दर का नवंबर 2015 के बाद सबसे निचला स्तर बताया जा रहा है. मई में थोक महंगाई दर तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी. मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार थोक महंगाई दर में 0.40 प्रतिशत की गिरावट आई है.
प्राकृतिक गैस व कपड़ों की कीमत में गिरावट
सरकार की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि जून में महंगाई दर में गिरावट खनिज तेल, खाद्य उत्पादों, बुनियादी धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम प्रोडक्ट और प्राकृतिक गैस व कपड़ों की कीमत में गिरावट के कारण है. थोक मुद्रास्फीति जून में सालाना आधार पर 1.24 प्रतिशत कम हुई, जबकि एक महीने पहले इसमें 1.59 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
बेसिक चीजों की महंगाई दर 2.87 प्रतिशत रह गई
जून में बेसिक चीजों की महंगाई दर घटकर 2.87 प्रतिशत रह गई. खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में जून में सब्जियों की महंगाई दर 21.98 प्रतिशत कम हुई. दालों और दूध की महंगाई दर 9.21 प्रतिशत और 8.59 प्रतिशत बढ़ी. जून के महीने में ईंधन और बिजली की महंगाई दर 12.63 प्रतिशत तक कम हुई है. विनिर्मित उत्पादों की महंगाई दर 2.97 प्रतिशत कम होने के बाद जून में 2.71 प्रतिशत कम हो गई. हालांकि MoM के आधार पर, विनिर्मित उत्पादों की महंगाई मई और जून में 0.50 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.
इससे पहले जून में खुदरा महंगाई दर में तेजी देखी गई. इस कारण खुदरा महंगाई दर (Inflation Rates) में इजाफा हो गया. पिछले कुछ महीने से CPI के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिल रही थी. लेकिन जून में इनमें इजाफा होने से खाद्य उत्पादों की कीमत जून में बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर 4.81 प्रतिशत पर पहुंच गई.