Petrol Diesel Prices Today: पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये के पार जा चुकी हैं. डीरेगुलेशन (Deregulation) के बाद ये पहली बार हुआ है कि पेट्रोल-डीजल के दाम इस कदर बढ़े हैं कि अब सरकार के माथे पर भी बल पड़ने लगे हैं.
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नई दिल्ली: Petrol Diesel Prices Today: पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये के पार जा चुकी हैं. डीरेगुलेशन (Deregulation) के बाद ये पहली बार हुआ है कि पेट्रोल-डीजल के दाम इस कदर बढ़े हैं कि अब सरकार के माथे पर भी बल पड़ने लगे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) पेट्रोलियम प्रोडक्ट को GST के दायरे में लाने की वकालत कर रही हैं, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) टैक्स घटाने की सलाह दे रहे हैं तो पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान OPEC देशों से क्रूड सप्लाई में कटौती कम करने की गुजारिश कर रहे हैं.
हालांकि इन सबके बीच अबतक हुआ कुछ भी नहीं है, लेकिन ग्लोबल न्यूज एजेंसी Reuters के हवाले से खबर है कि वित्त मंत्रालय पेट्रोल-डीजल की महंगाई से लोगों को राहत देने के लिए अब एक्साइज ड्यूटी में कटौती पर विचार कर रहा है. सरकार से जुड़े तीन अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल इंपोर्ट करने वाला देश है. ग्लोबल मार्केट में बीते 10 महीने में कच्चे तेल की कीमतें दोगुनी हो चुकी हैं, जिससे देश में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. लेकिन पेट्रोल-डीजल के रीटेल प्राइस में करीब 60 परसेंट हिस्सा टैक्स और ड्यूटी का होता है जो सरकारें वसूलती हैं.
जब कोरोना वायरस महामारी ने देश की आर्थिक रफ्तार पर ब्रेक लगाया तब सरकार ने पिछले साल सस्ते कच्चे तेल का फायदा लोगों को देने की बजाय, अपना टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने के लिए 12 महीने के अंदर पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में दो बार बढ़ोतरी कर दी. सूत्रों के मुताबिक अब वित्त मंत्रालय ने कुछ राज्यों, तेल कंपनियों और पेट्रोलियम मंत्रालय से इस बात पर विचार विमर्श करना शुरू कर दिया है कि कैसे एक असरदार रास्ता निकाला जाए जिससे उपभोक्ताओं पर टैक्स का बोझ भी कम हो जाए और सरकार के खजाने पर भी आंच न आए. एक सूत्र के मुताबिक 'हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि कैसे कीमतों को स्थिर रखा जाए. हम इस मुद्दे पर मार्च के मध्य तक किसी नतीजे पर पहुंचने की कोशिश करेंगे'
नाम नहीं बताने की शर्त पर एक सूत्र ने बताया कि टैक्स में कटौती से पहले सरकार तेल की कीमतें स्थिर होने का इंतजार कर रही है, क्योंकि सरकार टैक्स स्ट्रक्चर को दोबारा बदलना नहीं चाहती. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हाल ही में कहा था कि मैं ये नहीं बता सकती कि ईंधन पर कटौती कब करेंगे, लेकिन केंद्र और राज्यों को टैक्स घटाने पर बातचीत करनी होगी. वित्त मंत्रालय और तेल मंत्रालय ने उनको भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने के लिए कुछ राज्यों ने अपने टैक्स में कटौती की है. एक दूसरे सूत्र ने बताया कि टैक्स में कटौती का फैसला OPEC और दूसरे तेल उत्पादक देशों (OPEC+) की अगली बैठक के बाद ही लिया जाएगा. सूत्र ने बताया कि हम उम्मीद करते हैं कि OPEC+ आउटपुट में कटौती पर राहत देगा जिससे तेल कीमतों में स्थिरता आएगी. आपको बता दें कि OPEC देशों की ये बैठक 4 मार्च को होनी है.
भारत ने पहले ही OPEC+ देशों से प्रोडक्शन कटौती में राहत देने की अपील की है, क्योंकि इससे देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते सरकार की इमेज को भी धक्का लग सकता है, क्योंकि मार्च-अप्रैल में चार राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हैं, ये सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती भी बन गई है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने मिलकर 31 मार्च 2020 को खत्म वित्त वर्ष में 5.56 ट्रिलियन रुपये पेट्रोलियम सेक्टर पर टैक्स से कमाया है. इस वित्त वर्ष के 9 महीनों के दौरान (अप्रैल-दिसंबर 2020) पेट्रोलियम सेक्टर से सरकार ने 4.21 ट्रिलियन रुपये की कमाई की है, जबकि पेट्रोलियम प्रोडक्ट की डिमांड में गिरावट भी रही है.
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