भारतीय रेलवे में 'प्राइवेटाइजेशन' की दस्तक! प्राइवेट ऑपरेटर दौड़ाएंगे ट्रेन
Advertisement

भारतीय रेलवे में 'प्राइवेटाइजेशन' की दस्तक! प्राइवेट ऑपरेटर दौड़ाएंगे ट्रेन

शुरुआती चरण में रेलवे कुछ ट्रेन IRCTC को देगा और बदले में उसे IRCTC भुगतान करेगी. 

आईआरसीटीसी बिडिंग प्रक्रिया के जरिये प्राइवेट प्लेयर या ऑपरेटर को आमंत्रित करेगी. (फाइल)

नई दिल्ली: बेहतर सुविधाओं के नाम पर भारतीय रेलवे जल्द ही प्राइवेट प्लेयर को आमंत्रित करने वाली है. सूत्रों के मुताबिक, रेलवे मंत्रालय की योजना है कि देश के टूरिस्ट स्पॉट को जोड़ती या फिर जिस रूट पर यात्री संख्या कम है, वहां IRCTC के जरिये ट्रेन चलाने के लिए प्राइवेट प्लेयर को आमंत्रित किया जा सकता है. इसके लिए रेलवे कुछ ट्रेन IRCTC को देगा और बदले में उसे IRCTC भुगतान करेगी. आईआरसीटीसी बिडिंग प्रक्रिया के जरिये ट्रेन चलाने के लिए प्राइवेट प्लेयर या ऑपरेटर को आमंत्रित करेगी. देश के टूरिस्ट रूट पर या यात्री संख्या के लिहाज से कम दबाव वाले रूट पर प्राइवेट ऑपरेटर चलाए जाने की योजना है. सरकार का तर्क है कि प्राइवेट ऑपरेटर यात्रियों को अच्छी और विश्व-स्तरीय सुविधाएं देंगे जो भारतीय रेलवे के लिए भी अच्छा होगा.

चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगा रेलवे
भारतीय रेल (Indian railway) के दशा सुधारने के मकसद से रेल मंत्रालय ये बड़ा फैसला करने की तैयारी में हैं जहां गाड़ियों की सेवाएं अब निजी क्षेत्र को सौंपी जा सकती है. माना जा रहा है कि भारतीय रेलवे में प्रीमियम ट्रेनों की निजी भागीदारी को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा. शुरुआत में राजधानी और उसके बाद शताब्दी ट्रेनों को एक-एक करके टेंडर के जरिए निजी कंपनियों को सौंपा जाएगा, लेकिन इसकी रूपरेखा क्या होगी ये अभी तय किया जाना बाकी है. इसको लेकर अगले सौ दिनों का एक टार्गेट भी फिक्स किया गया है, जिसमें प्रीमियम ट्रेनों को चलाने का परमिट निजी कंपनियों को देने की योजना है. सिर्फ यात्री गाड़ियां ही नहीं बल्कि माल गाड़ियों में भी प्राइवेट भागीदारी बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाए जा सकते हैं. ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने के पीछे तर्क ये है कि इससे प्रीमियम ट्रेनों की यात्री सुविधाओं में इजाफा होगा. इस तरह से रेलवे के कमर्शियल ऑपरेशन में निजी क्षेत्र बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा.

प्रीमियम ट्रेनें प्रॉफिट में चल रही हैं
रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, राजधानी और शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनें प्रॉफिट में चल रही हैं लिहाजा ऐसी ट्रेनों के ऑपरेशन का काम प्राइवेट कंपनियां लेने में ज्यादा इच्छुक होंगी. रेल मंत्रालय का फोकस है कि निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रीमियम ट्रेनों को चलाने का परमिट जल्द से जल्द निजी हाथों में सौंपा जाए. प्रीमियम ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने के लिए रेल मंत्रालय को अभी पूरी योजना बनानी है. रेलवे के सूत्रों के मुताबिक मालगाड़ियों और उनके वैगन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाया जाएगा. इससे रेलवे का मकसद डबल स्टैक कंटेनर्स के लिए नए रेल रूट खोलना, इसके अलावा माल गाड़ियों की स्पीड को बढ़ाए जाने पर है.

जल्द स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा
इस साल के आखिर तक सभी ट्रेनों में और रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा देने का टारगेट भी फिक्स किया गया है. साथ ही डिस्पले नेटवर्क को पूरे देश में फैलाए जाने की योजना भी रेलवे ने बनाई है. इस साल के अंत तक सभी ट्रेनों में और रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा देने का टारगेट भी फिक्स किया गया है.

Trending news