Indian Railways: राजधानी-शताब्दी के यात्र‍ियों के ल‍िए बड़ा अपडेट, रेलवे मंत्रालय ने बनाया बड़ा प्लान!
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Indian Railways: राजधानी-शताब्दी के यात्र‍ियों के ल‍िए बड़ा अपडेट, रेलवे मंत्रालय ने बनाया बड़ा प्लान!

Railway Ministry Plan: एक र‍िपोर्ट के अनुसार 16 कोच के मुकाबले 8 कोच वाली वंदे भारत को यात्र‍ियों के बीच ज्‍यादा पसंद क‍िया जा रहा है. ऐसे में आने वाले समय में ज्‍यादा से ज्‍यादा ट्रेनें 8 कोच वाली ही संचाल‍ित की जाएंगी.

Indian Railways: राजधानी-शताब्दी के यात्र‍ियों के ल‍िए बड़ा अपडेट, रेलवे मंत्रालय ने बनाया बड़ा प्लान!

Vande Bharat Express: एक द‍िन पहले एक साथ नौ वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी द‍िखाकर रवाना क‍िया गया. इन वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Express) को पीएम मोदी ने रव‍िवार को हरी झंडी द‍िखाई. इसके साथ ही देश में संचाल‍ित होने वाली वंदे भारत ट्रेनों की संख्‍या 25 से बढ़कर 34 हो गई. इस साल के अंत तक 9 और वंदे भारत ट्रेनों के पटरी पर दौड़ने की संभावना है. इसके साथ ही देश में वंदे भारत ट्रेनों की संख्‍या बढ़कर 43 हो जाएगी. आगे आने वाली वंदे भारत ट्रेनें केसर‍िया रंग की होंगी.

8 कोच वाली वंदे भारत यात्र‍ियों को ज्‍यादा पसंद

हाल में केरल के कासरगौड़ से त्रिवेंद्रम के बीच शुरू केसरिया रंग की वंदे भारत ट्रेन को रवाना क‍िया गया है. इन 9 ट्रेनों में सभी वंदे भारत 8 कोच वाली थीं. एक र‍िपोर्ट के अनुसार 16 कोच के मुकाबले 8 कोच वाली वंदे भारत को यात्र‍ियों के बीच ज्‍यादा पसंद क‍िया जा रहा है. ऐसे में आने वाले समय में ज्‍यादा से ज्‍यादा ट्रेनें 8 कोच वाली ही संचाल‍ित की जाएंगी. इस समय देश में 34 वंदे भारत का संचालन हो रहा है.

आने वाले सालों में बढ़कर 350 तक हो जाएंगी वंदे भारत
रेलवे सूत्रों का कहना है क‍ि आने वाले समय में वंदे भारत ट्रेनों की संख्‍या तेजी से बढ़ती जाएगी. आने वाले सालों में यह संख्‍या बढ़कर 350 तक हो सकती है. एक अधिकारी ने भी कहा क‍ि 16 कोच की बजाय 8 कोच वाली वंदे भारत को अधिक कामयाबी म‍िल रही है. इसल‍िए भव‍िष्‍य में इसी पर फोकस क‍िया जा रहा है क‍ि ज्‍यादा से ज्‍यादा आठ कोच वाली वंदे भारत को पटरी पर उतारा जाए. आने वाले सालों में द‍िल्‍ली से और कई रूट पर वंदे भारत का संचालन शुरू क‍िया जाएगा.

राजधानी का व‍िकल्‍प बन सकती है वंदे भारत
रेलवे के एक अध‍िकारी ने बताया क‍ि अगले कुछ सालों में वंदे भारत को शताब्दी और राजधानी ट्रेनों की जगह चलाया जाएगा. हालांकि, इस पर क‍िसी तरह का आधिकारिक ऐलान नहीं क‍िया गया है. फ‍िलहाल शताब्दी की तरह वंदे भारत चेयरकार कई रूट पर चल रही है. स्‍लीपर वंदे भारत के भी अगले साल जनवरी तक शुरू होने की उम्‍मीद है. वंदे भारत स्लीपर देश की प्रीमियम राजधानी ट्रेन का व‍िकल्‍प बन सकती है.

आने वाले समय में धीरे-धीरे वंदे भारत आने के बाद शताब्दी और राजधानी को ट्रैक से पूरी तरह से हटा लिया जाएगा. यह सब स‍िस्‍टेमेट‍िक तरीके से होगा. ट्रेनों की लाइफ यानी पुरानी ट्रेन को पहले बाकी को बाद में रिप्लेस किया जाएगा. वंदे भारत स्लीपर के नाम पर भी विचार किया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने भी कहा था क‍ि आने वाले समय में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के बेड़े में जबरदस्‍त इजाफा होने वाला है.

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