बुनियादी क्षेत्र उद्योग की वृद्धि सितंबर में 5.2% बढ़ी, छह माह में सबसे अधिक
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बुनियादी क्षेत्र उद्योग की वृद्धि सितंबर में 5.2% बढ़ी, छह माह में सबसे अधिक

बुनियादी क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योग कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उवर्रक, इस्पात, सीमेंट और बिजली हैं. पिछले साल सितंबर माह में इनकी वृद्धि दर 5.3% थी.

समीक्षावधि में कच्चा तेल का उत्पादन 0.1% बढ़ा है, जबकि सितंबर 2016 में इसमें 4.1% का संकुचन देखा गया था. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: बुनियादी क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योगों की वृद्धि सितंबर में 5.2% रही है जो पिछले छह माह का उच्च स्तर है. इसे कोयला, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी क्षेत्र के शानदार प्रदर्शन से मदद मिली है. बुनियादी क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योग कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उवर्रक, इस्पात, सीमेंट और बिजली हैं. पिछले साल सितंबर माह में इनकी वृद्धि दर 5.3% थी.

  1. अप्रैल के बाद सितंबर में यह इस क्षेत्र में हुई सबसे अधिक वृद्धि है. 
  2. अप्रैल में बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि 2.6% रह गई थी.
  3. सितंबर में कोयला, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी उत्पादों की वृद्धि क्रमश: 10.6%, 6.3% और 8.1% रही.

अप्रैल के बाद सितंबर में यह इस क्षेत्र में हुई सबसे अधिक वृद्धि है. अप्रैल में बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि 2.6% रह गई थी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वार्षिक आधार पर सितंबर में कोयला, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी उत्पादों की वृद्धि क्रमश: 10.6%, 6.3% और 8.1% रही है.

समीक्षावधि में कच्चा तेल का उत्पादन 0.1% बढ़ा है, जबकि सितंबर 2016 में इसमें 4.1% का संकुचन देखा गया था. इस दौरान इस्पात और सीमेंट का उत्पादन पिछले साल की तुलना में धीमा रहा है जबकि बिजली उत्पादन में सामान्य वृद्धि रही है. आलोच्य अवधि में उवर्रक उत्पादन की वृद्धि कम हुई है. वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) संचयी आधार पर बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों की वृद्धि 3.3% रही है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 5.4% थी.

कारोबार सुगमता में भारत की लंबी छलांग, चीन दूसरी बार 78वें स्थान पर

वहीं दूसरी ओर दिवाला एवं शोधन संहिता समेत सुधारों की श्रृंखला के क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के संदर्भ में भारत चौथे स्थान पर पहुंच गया है. विश्व बैंक की ‘कारोबार सुगमता रिपोर्ट/ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. यह पहला मौका है जब भारत ने कारोबार सुगमता के किसी भी पैमाने पर शीर्ष पांच देशों में जगह सुरक्षित की है. 

रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारत ने छोटे निवेशकों के हितों की सुरक्षा, ऋण उपलब्धता और विद्युत उपलब्धता के क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया है. देश के कंपनी कानून और प्रतिभूति नियमन को काफी उन्नत माना गया है. भारत को छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के पैमाने पर विश्व में चौथे स्थान पर रखा जा रहा है.’ विश्व बैंक की हालिया ‘डूइंग बिजनेस 2018: रिफॉर्मिंग टू क्रियेट जॉब्स’ रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल के दौरान भारत ने सुधारों के 10 में से आठ क्षेत्रों में उल्लेखनीय बेहतर प्रदर्शन किया है.

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