ITR Filing Deadline: आईटीआर दाखिल करने का आज अंतिम दिन, तारीख आगे बढ़ाने की मांग के बीच रेवेन्यू सेक्रेटरी ने क्या कहा?
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ITR Filing Deadline: आईटीआर दाखिल करने का आज अंतिम दिन, तारीख आगे बढ़ाने की मांग के बीच रेवेन्यू सेक्रेटरी ने क्या कहा?

ITR filing FY 2023-24: ITR  दाखिल करने की आखिरी तारीख को आगे बढ़ाने के लिए लगातार मांग की जा रही है. इसी बीच राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा का बयान आया है.

 

ITR Filing Deadline: आईटीआर दाखिल करने का आज अंतिम दिन, तारीख आगे बढ़ाने की मांग के बीच रेवेन्यू सेक्रेटरी ने क्या कहा?

ITR Filing Date 2024: आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन नजदीक आती जा रही है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 है. यानी अब सिर्फ 24 घंटे रह गए हैं. ITR  दाखिल करने की आखिरी तारीख को आगे बढ़ाने के लिए लगातार मांग की जा रही है. इसी बीच राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा का बयान आया है.

राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​ने मंगलवार को कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए करीब छह करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं. इनमें से 70 प्रतिशत रिटर्न नई कर व्यवस्था के तहत दाखिल किए गए हैं. इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8.61 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे. 

राजस्व सचिव ने क्या कहा?

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक पोस्ट बजट सेशन को संबोधित करते हुए कहा कि इस बात को लेकर आशंकाएं जताई जा रही थीं कि लोग सरलीकृत नई कर व्यवस्था को अपनाएंगे या नहीं.

उन्होंने आगे कहा, "पिछले वित्त वर्ष के लिए करीब छह करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए जिनमें से 70 प्रतिशत नए आयकर व्यवस्था के तहत दाखिल किए गए हैं. यह पूरा कदम सरलीकरण की दिशा में उठाया गया है, जिसका अंतिम उद्देश्य कर अनुपालन बोझ को कम करना है."

दो के बजाय एक इनकम टैक्स रिजीम हो: राजस्व सचिव

संजय मल्होत्रा ने आगे कहा कि भारत में इनकम टैक्स के लिए दो के बजाय एक ही रिजीम होना चाहिए. क्योंकि 70 प्रतिशत आयकरदाताओं ने पहले ही नई टैक्स रिजीम को चुन लिया है. यह दिखाता है कि लोग नई और आसान टैक्स रिजीम को चुनना पसंद कर रहे हैं.

वर्तमान में भारत में दो इनकम टैक्स रिजीम है. टैक्सपेयर्स इन दो में से कोई भी टैक्स रिजीम चुन सकते हैं. पुरानी टैक्स व्यवस्था में टैक्स ज्यादा कटता है और इसमें कई तरह की कटौतियों और छूट होती है. जबकि नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स कम कटता है लेकिन छूट के भी विकल्प भी कम हैं.

 

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