विश्वबैंक की भारत रैंकिंग पर जेटली ने उठाया सवाल
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विश्वबैंक की भारत रैंकिंग पर जेटली ने उठाया सवाल

वित्त मंत्री अरुण जेटली कारोबारी सुगमता के सूचकांक के आधार पर विश्वबैंक की ताजा रैंकिंग में 12 पायदान उपर किए जाने से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने इस संबंध में जेटली ने रविवार को कहा कि कारोबार के माहौल में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदमों को विश्वबैंक ने संज्ञान में नहीं लिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को रैंकिंग में कहीं और उपर रखा जाना चाहिए था।

विश्वबैंक की भारत रैंकिंग पर जेटली ने उठाया सवाल

नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली कारोबारी सुगमता के सूचकांक के आधार पर विश्वबैंक की ताजा रैंकिंग में 12 पायदान उपर किए जाने से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने इस संबंध में जेटली ने रविवार को कहा कि कारोबार के माहौल में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदमों को विश्वबैंक ने संज्ञान में नहीं लिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को रैंकिंग में कहीं और उपर रखा जाना चाहिए था।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि परियोजनाएं शुरू करने के लिए जरूरी मंजूरियों की संख्या में और कमी लाए जाने की जरूरत है ताकि निवेश के लिए निर्णय और वास्तविक निवेश के बीच लगने वाले समय को काफी कम किया जा सके।

उन्होंने फेसबुक पर ‘कारोबार करने में आसानी’ शीर्षक से अपनी एक ताजा टिप्पणी में कहा है, ‘राज्यों को इस बात का एहसास होना चाहिए कि भूमि की उपलब्धता, पर्यावरण मंजूरियों, योजनाओं के निर्माण की अनुमति संबंधी स्थानीय कानूनों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।’ जेटली ने एक सवाल भी खड़ा किया कि पर्यावरण मंजूरियों के लिए एक औद्योगिक क्षेत्र या नयी टाउनशिप को मंजूरी मिलने के बाद क्या उसमें स्थापित किये जाने वाले अलग-अलग ढांचों को फिर अलग-अलग से पर्यावरणी विभाग की मंजूरी की दरकार की शर्त उचित है।

उन्होंने कहा, ‘पिछले 17 महीने में जो कदम उठाए गए हैं, उन्हें देखते हुए भारत की स्थिति काफी उपर होनी चाहिए थी। मैं समझता हूं कि (हमारे) सभी कदमों को संज्ञान में नहीं लिया गया है क्यों कि विश्वबैंक की इस रैंकिंग के लिए एक अंतिम तारीख होती है और वह नयी घोषणाओं को शामिल करने से पहले उनके क्रियान्वित किये जाने का भी इंतजार करता है।’ उल्लेखनीय है कि मंगलवार को जारी विश्वबैंक की एक रिपोर्ट में कारोबारी सुगमता के लिहाज से 189 देशों में भारत को 130वें पायदान पर रखा गया है। भारत पिछले साल 142वें पायदान पर था। इस तरह से उसकी रैंकिंग में 12 पायदान का सुधार हुआ है।

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