चांद पर जाने वाला पहला 'आम आदमी' होगा जापान का अरबपति, 51 साल बाद होगा ऐसा
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चांद पर जाने वाला पहला 'आम आदमी' होगा जापान का अरबपति, 51 साल बाद होगा ऐसा

वर्ष 1972 के आखिरी अमेरिकी अपोलो मिशन के बाद से जापान के माइजावा (42) चंद्रमा की यात्रा करने वाले प्रथम यात्री होंगे.

सबसे बड़े ऑनलाइन फैशन मॉल के मुख्य कार्यकारी युसाकू माइजावा जापान के 18 वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं.

हावथोर्न: जापानी अरबपति एवं ऑनलाइन फैशन उद्योगपति युसाकू माइजावा वर्ष 2023 तक ‘‘स्पेसएक्स’’ रॉकेट के जरिए चंद्रमा की सैर करने वाले पहले आम व्यक्ति होंगे. उनकी योजना छह से आठ कलाकारों को साथ ले जाने की भी है. वर्ष 1972 के आखिरी अमेरिकी अपोलो मिशन के बाद से माइजावा (42) चंद्रमा की यात्रा करने वाले प्रथम यात्री होंगे. उन्होंने यह विशेषाधिकार हासिल करने के लिए कितनी रकम चुकाई है, उसका खुलासा नहीं किया है. माइजावा ने केलीफोर्निया के हॉथोर्न स्थित स्पेसएक्स मुख्यालय एवं रॉकेट फैक्टरी में सोमवार को कहा, ‘‘ बचपन से मुझे चांद से प्यार है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे जीवन भर का सपना है.’’ 

जापान के 18वें सबसे अमीर हैं युसाकू
बिजनेस पत्रिका फोर्ब्स के मुताबिक, माइजावा जापान के सबसे बड़े ऑनलाइन फैशन मॉल के मुख्य कार्यकारी हैं और वह जापान के 18 वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं. उनके पास तीन अरब डॉलर की संपत्ति है. माइजावा ने बताया कि कला के प्रति अपने प्रेम के चलते ही उन्होंने इस यात्रा पर कलाकारों को आमंत्रित करने का फैसला किया है. उन्होंने बताया, ‘‘मैं इस चंद्र अभियान के लिए अपने साथ दुनिया भर से छह से आठ कलाकारों को आमंत्रित करना चाहूंगा.’’ उन्होंने कहा कि इन कलाकारों को पृथ्वी पर लौटने पर कुछ कलाकृतियां बनाने को कहा जाएगा. इनकी कलाकृतियां हम सब को प्रेरित करेंगी.

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एलन मस्क ने की तारीफ
निजी कंपनी स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने माइजावा को सबसे बहादुर और सबसे साहसी व्यक्ति बताया है. उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने हमें चुना, जिससे हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं.’’ स्पेसएक्स अमेरिका की एयरोस्पेस विनिर्माता एवं अंतरिक्ष परिवहन सेवा कंपनी है. 

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खर्च का नहीं होगा खुलासा
मस्क ने कहा कि माइजावा ने चंद्रमा की यात्रा के लिए कितनी रकम चुकाई है, इसका वह खुलासा नहीं करेंगे. लेकिन यह कलाकारों के लिए मुफ्त होगी. उन्होंने बताया कि यह यात्रा बिग फाल्कन रॉकेट (बीएफआर) से होगी. बीएफआर की पहली बार घोषणा 2016 में की गई थी और इसे अंतरिक्षयान के इतिहास में सबसे शक्तिशाली रॉकेट बताया गया था.

मस्क पहले भी कर चुके हैं वादा
मस्क की योजना बीएफआर को करीब 100 लोगों को ले जाने में सक्षम बनाने की है. इस तरह से यह प्रक्षेपण प्रणाली एक दिन चांद और मंगल पर बस्तियां बसाने में इस्तेमाल लाई जा सकती है. हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब मस्क ने पर्यटकों को चंद्रमा की सैर कराने का वादा किया है. पिछले साल भी उन्होंने कहा था कि यात्रा का खर्च देने वाले दो पर्यटक 2018 में चंद्रमा की सैर करेंगे. 

अंतरिक्ष में जाने वालों में अभी तक सिर्फ अमेरिकी
गौरतलब है कि अब तक अमेरिकी ही पृथ्वी की कक्षा से बाहर गए हैं. नासा के कुल 24 अंतरिक्ष यात्री 1960 और 1970 के दशक में ओपोलो यान के दौर में चंद्रमा पर गए. वहीं, 12 अंतरिक्ष यात्रियों ने चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी की. प्रथम अंतरिक्ष पर्यटक डेनिश टीटो थे. वह एक अमेरिकी कारोबारी हैं. उन्होंने एक रूसी अंतरिक्ष यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने के लिए करीब दो करोड़ डॉलर अदा किये थे.

(एएफपी)

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